देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर नई ऊँचाई पर हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़े के मुताबिक़ गुरुवार को एक दिन में 1 लाख 31 हज़ार 968 पॉजिटिव केस आए। इससे पहले इतने ज़्यादा मामले कभी नहीं आए थे। यह लगातार तीसरी बार है जब संक्रमण के मामले एक लाख से ज़्यादा आए हैं। 5 दिन के अंदर यह चौथी बार है जब संक्रमण के मामले एक लाख से ज़्यादा आए हैं।
एक दिन पहले बुधवार को पॉजिटिव केस 1 लाख 26 हज़ार 789 आए थे। इससे पहले मंगलवार को संक्रमण के मामले 1 लाख 15 हज़ार से ज़्यादा थे। पिछले साल 30 जनवरी को संक्रमण शुरू होने के बाद से एक दिन में अब तक इतने संक्रमण के मामले नहीं आ रहे थे।
देश में अब तक कुल 1 करोड़ 30 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 1 लाख 67 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब सक्रिए मामलों की संख्या 9 लाख 79 हज़ार 608 हो गए हैं। अब तक 1 करोड़ 19 लाख से ज़्यादा संक्रमित लोग ठीक हो चुके हैं। देश भर में अब तक 9 करोड़ 43 लाख लोगों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है।
हर रोज़ संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। भारत के बाद एक दिन में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले ब्राज़ील में क़रीब 89 हज़ार और अमेरिका में क़रीब 80 हज़ार मामले आए हैं।
गुरुवार को भी सबसे ज़्यादा महाराष्ट्र में संक्रमण के मामले आए और वहाँ 56 हज़ार 286 मामले दर्ज किए गए। छत्तीसगढ़ में 10 हज़ार 662 पॉजिटिव केस आए।
उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण काफ़ी तेज़ी से बढ़ा है। राज्य में 8 हज़ार 490 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। कर्नाटक में 6 हज़ार 570 केस आए। दिल्ली में भी रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए हैं। बीते 24 घंटों में संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल आया और यह आंकड़ा 7,437 तक जा पहुँचा। इस दौरान 24 लोगों की मौत भी हुई है। बीते दिन संक्रमण के 5506 मामले आए थे और एक ही दिन में 1800 से ज़्यादा मामले बढ़ गए।
दिल्ली सरकार के मुताबिक़, राजधानी में अभी 23,181 एक्टिव मामले हैं। बीते 24 घंटों में दिल्ली में 91,770 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा है कि एक बार फिर से चुनौतीपूर्ण हालात बन रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि हमारा फ़ोकस माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन पर होना चाहिए और हमें रात के कर्फ्यू को सफल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों को टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कुछ राज्यों में स्थिति ज़्यादा चिंताजनक है। साल भर की इस लड़ाई के बाद सरकारी मशीनरी में थकान आ सकती है लेकिन हमें 2-3 हफ़्ते और मजबूती से काम करना होगा। इस बार ग्रोथ रेट ज़्यादा है और यह गंभीर चिंतन का विषय है। इस बार लोग पहले की अपेक्षा लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नज़र आ रहा है।'
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