हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब डेढ़ लाख हो गए हैं। यह पिछले 50 दिन में सबसे कम मामले हैं। इससे कम मामले 10-11 अप्रैल से पहले आ रहे थे। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे और अब 25 दिन में यह घटकर क़रीब डेढ़ लाख हो गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को रविवार के 24 घंटे के आंकड़े जारी किए गए। इसके अनुसार एक दिन में 1 लाख 52 हज़ार 734 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए और 3128 लोगों की मौत हुई। एक दिन पहले 24 घंटे में 1 लाख 65 हज़ार 553 पॉजिटिव केस आए थे। इससे भी एक दिन पहले क़रीब 1 लाख 73 हज़ार मामले आए थे। फ़िलहाल, देश में कोरोना की दूसरी लहर है और कई राज्यों में लॉकडाउन के बीच संक्रमण के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, एक दिन में 2 लाख 38 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ ठीक हुए। देश में अब तक 2 करोड़ 80 लाख 47 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं। 3 लाख 29 हज़ार 100 कोरोना मरीज़ों की मौत अब तक हो चुकी है। 2 करोड़ 56 लाख 92 हज़ार लोग ठीक भी हो चुके हैं।
देश में दूसरी लहर के कहर ढाने के बाद टीकाकरण अभियान को तेज करने की बात कही जा रही है। लेकिन टीके की कमी के कारण यह उस गति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है जिस गति से इसे बढ़ना चाहिए। रविवार को टीके की सिर्फ़ 10,18,076 खुराकें लगाई जा सकीं, हालाँकि इससे एक दिन पहले क़रीब 28 हज़ार टीके लगाए गए थे। देश में अब तक कुल 21,31,54,129 खुराकें लगाई जा सकी हैं। हालाँकि दोनों खुराक लेने वालों की संख्या काफ़ी कम है और यह देश की आबादी की क़रीब 3.1 फ़ीसदी जनसंख्या ही है।
इधर कोरोना संक्रमण को लेकर महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई राज्यों में लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया गया है। महाराष्ट्र में लॉकडाउन 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ ज़िलों में पाबंदियों में ढील दी गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन ज़िलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट दस फ़ीसदी से कम होगी और ऑक्सीजन बेड 60 फ़ीसदी से ज़्यादा खाली होंगे वहाँ प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। जिन ज़िलों में मामले बढ़ रहे हैं वहाँ और पाबंदियाँ लगाई जाएँगी।
महाराष्ट्र के कुछ ज़िलों में सख्ती कम किए जाने के साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा है और इस वजह से सुरक्षा उपायों को कम नहीं किया जा सकता है।
ठाकरे की इस चेतावनी का सीधा मतलब यह है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें और मास्क लगाने जैसे सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाही नहीं बरतें। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर रही है।
उद्धव ठाकरे ने रविवार देर शाम को राज्य में लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि तीसरी लहर कब और किस तारीख़ को आएगी, इसलिए हमें अपने बचाव को कम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि राज्य कोरोना संक्रमण की तीसरी गंभीर लहर की चपेट में आता है तो चिकित्सा ऑक्सीजन के संकट का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में भी एक हफ़्ते बढ़ा है लॉकडाउन
दिल्ली में लॉकडाउन फिर से एक हफ़्ते के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही क़रीब 40 दिन बाद पहली बार प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई है। सोमवार को समाप्त होने वाला लॉकडाउन अब 7 जून तक रहेगा। हालाँकि दिल्ली सरकार ने विनिर्माण और निर्माण व्यवसायों को शर्तों के साथ काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। जो कंपनियाँ काम शुरू करेंगी उन्हें सख्ती से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा और शिफ़्टों में काम करना होगा। कर्मचारियों की समय समय पर कोरोना की जाँच भी की जाएगी।
देश में इस भयावह दूसरी लहर शुरू होने के बाद राजधानी में पहली बार 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था। यह पहले 26 अप्रैल तक के लिए था, जिसे एक सप्ताह के लिए बढ़ाया गया था। तीन मई की सुबह ख़त्म होने वाले लॉकडाउन की मियाद एक सप्ताह के लिए फिर से बढ़ाई गई थी। इसके बाद 17 मई को इसकी मियाद ख़त्म होने से पहले फिर से लॉकडाउन को एक हफ़्ते के लिए बढ़ाया गया था। लेकिन 24 मई को फिर से इसे बढ़ाकर 31 मई तक के लिए कर दिया गया था।
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