भारत ने गुरूवार को बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज़ लगाने के आंकड़े को पार कर लिया है। अभी भी बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जिसे दोनों डोज़ नहीं लगी हैं, ऐसे में चुनौतियां निश्चित रूप से हमारे सामने हैं।
लेकिन फिर भी इस मौक़े पर देश के वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही उन लोगों के योगदान को ज़रूर याद किया जाना चाहिए जिन्होंने विपरीत हालात में भी और दूर-दराज के इलाक़ों तक पहुंचकर लोगों को वैक्सीन लगाई है।
इस मौक़े पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने देशवासियों को बधाई दी है। केंद्र सरकार भी कई कार्यक्रम करने जा रही है।
उत्तर प्रदेश और बिहार ऐसे राज्य हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा चरमराया हुआ है। ऐसे में यहां टीकाकरण की रफ़्तार को और अधिक बढ़ाए जाने की ज़रूरत है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस साल के अंत तक सभी का टीकाकरण कर देगी। लेकिन वक़्त कम है और बड़ी आबादी ऐसी है, जिसे कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगनी बाक़ी है।
कोरोना वायरस ने भारत के साथ ही दुनिया भर में तबाही मचाई है। ऐसे में कोशिश यह होनी चाहिए कि लोगों को जल्द से जल्द दोनों डोज़ लग जाएं, जिससे वे संक्रमित होने से बच सकें। हालांकि भारत में सितंबर, 2021 तक कोरोना की तीसरी लहर आने का दावा किया जा रहा था लेकिन ये दावे ग़लत साबित हुए। फिर भी बेहद सतर्क रहना और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना ज़रूरी है।
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