loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

कुश्ती: निगरानी कमेटी पर क्या पहलवानों से विश्वासघात हुआ?

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। जिसमें पहलवानों ने ट्विट करते हुए आरोप लगाया है कि डब्ल्यूएफआई के संचालन और जांच के लिए बनी ओवर साइट कमेटी के गठन में उनसे सलाह तक नहीं ली गई है। जबकि खेल मंत्री द्वारा हमें इसका आश्वासन दिया गया था कि को समिति बनेगी उसमें पहलवानों से सलाह ली जाएगी।
इस मसले पर साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया द्वारा ट्विट करते हुए लिखा कि  "हमें आश्वासन दिया गया था कि Oversight Committee के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा। बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई." दोनों ही पहलवानों ने अपने ट्विट में प्रधानमंत्री, अमित शाह और अनुराग ठाकर को टैग भी किया गया है।
सोमवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अगले एक महीने के लिए डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के मामलों के संचालन के  के लिए एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति को नामित किया था। पांच सदस्यों वाली यह समिति बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने वाली थी।
भारत के दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने मंगलवार को खेल मंत्रालय द्वारा डब्ल्यूएफआई को चलाने के लिए छह बार की मुक्केबाजी विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम की अगुवाई बनी निगरानी समिति में उनसे सलाह न लेने के लिए अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
महिला पहलवानों के आरोपों के बाद दो दिन तक चली खींचतानी के बाद डब्ल्यूएफआई  के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को जांच पूरी होने तक उनके कामकाज करने पर रोक लगा दी गई थी।
तब तक डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को ओवरसाइट कमेटी द्वारा उनकी अनिवार्य अवधि तक देखा जाएगा और यह डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोपों की भी जांच करेगी।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें