loader

कुलभूषण को रिहा करे पाक, भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत से कहा

पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच रस्साकशी अंतरराष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर चल रही है। भारत ने कुलभूषण को जासूसी का दोषी क़रार देने और उन्हें मौत की सज़ा सुनाए जाने के पाकिस्तानी अदालत के फ़ैसले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में चुनौती दी है। चार दिनों तक चलने वाली सुनवाई सोमवार को शुरू हुई और पहले ही दिन भारत ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। 
अंतरराष्ट्रीय अदालत के द हेग स्थित मुख्यालय में भारत का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि कुलभूषण के मामले में न्याय प्रणाली की न्यूनतम ज़रूरतों का भी ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने सज़ा रद्द करने और जाधव को रिहा करने की अपील की। 

'वियना कॉन्वेंशन का उल्लंघन'

भारत के पूर्व सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि अब तक भारत सरकार के किसी प्रतिनिधि को जाधव से नहीं मिलने दिया गया है, जो पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी और वियना कॉन्वेंशन का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की 'कहानी' तथ्यों पर आधारित न होकर बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बातों पर आधािरत है। साल्वे ने कहा कि कुलभूषण को 2016 में बलूचिस्तान से जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन उनका इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ प्रचार करने के में किया गया। 
साल्वे ने कहा, 'आतंकवाद की किसी भी वारदात में कुलभूषण जाधव के शामिल होने की बात साबित करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अदालत में कोई सबूत पेश नहीं किया। पाकिस्तान ने जाधव के इक़बालिया बयान का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ प्रोपगैंडा के लिए किया। पाकिस्तान ने वियना कॉन्वेंशन का उल्लंघन किया है।'
कुलभूषण जाधव  मामले की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में ऐसे समय हो रही है जब भारत-पाकिस्तान रिश्ता बेहद ख़राब दौर से गुजर रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमला और उसके तुरन्त बाद पाकिस्तान आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा का इसकी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर लेने से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। 

भारत-पाक रिश्ते

पाकिस्तान ने इससे इनकार तो किया है, पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अब तक इसकी निंदा नहीं की है, उन्होंने कुछ कहा ही नहीं है। यह इसलिए भी बेहद अहम है कि इमरान ख़ान के रिश्ते पाक सेना से अच्छे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि पाकिस्तानी सेना की ख़फ़िया एजेन्सी आईएएसआई की मदद से हुए इस हमले पर आखिर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री चुप क्यों है। 
भारत की घरेलू राजनीति का हाल यह है कि यहाँ सत्ताधारी दल और उससे जुड़े संगठन ही युद्धोन्माद फैलाने में लगे हैं और सरकार पर ठोस कार्रवाई करने का दबाव डाल रहे हैं। ठीक इसी समय भारत के किसी नागरिक पर जासूसी के आरोप लगाने से जुड़े मामले के अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुँचने से तनाव और बढ़ेगा। अभी पाकिस्तानी पक्ष को भारत की आपत्तियों का जवाब देना बाकी है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

इंडिया गठबंधन से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें