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आपका दर्द समझने के लिए मुझे किताबें ढूंढने की जरूरत नहीं है : पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले स्थित बड़तूमा में संत रविदास के मंदिर और स्मारक की आधारशिला रखी है। इस मौके पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान मैंने तय किया कि मैं गरीबों को भूखा नहीं सोने दूंगा। आपका दर्द समझने के लिए मुझे किताबें ढूंढने की जरूरत नहीं है। हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण शुरू की। अन्न योजना और 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया और आज पूरी दुनिया हमारे प्रयासों की सराहना कर रही है। 
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारी आस्थाओं पर हमले हो रहे थे, हमारी पहचान मिटाने के लिए पाबंदियां लगाई जा रही थीं, तब रविदास जी ने मुगलों के कालखंड में कहा था, पराधीनता सबसे बड़ा पाप है। जो पराधीनता को स्वीकार कर लेता है, जो लड़ता नहीं है, उससे कोई प्रेम नहीं करता।  उन्होंने कहा कि आज मैंने शिलान्यास किया है और एक डेढ़ साल बाद मंदिर बन जाएगा को मैं जरुर आउंगा। और संत रविदास जी मुझे अगली बार आने का मौका देने ही वाले हैं। संत रविदास स्मारक एंव संग्रहालय में भव्यता भी होगी और दिव्यता भी होगा। यह दिव्यता रविदास जी की उन शिक्षाओं से आएगी जिन्हें आज स्मारक नींव में जोड़ा गया है, गढ़ा गया है। समरसता की भावना से ओतप्रोत 20 हजार से अधिक गांवों की 300 से अधिक नदियों की मिट्टी आज इस स्मारक का हिस्सा बनी है। एक मुट्ठी मिट्टी के साथ ही एमपी के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक -एक मुट्ठी अनाज भेजा है। इसके लिए जो समरसता यात्राएं चल रही थी उनका भी सागर की इस धरती पर समागम हुआ है। 
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रविदास जी समाज को जगा रहे थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उस कालखंड में जन्म लिया था जब देश पर मुगलों का शासन था। समाज  अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उस समय रविदास जी समाज को जगा रहे थे। उन्होंने कहा, आज देश का दलित हो, वंचित हो, पिछड़ा हो या आदिवासी। हमारी  सरकार इन्हें उचित सम्मान और नए अवसर दे रही है। 
पीएम मोदी ने कहा कि ना इस समाज के लोग कमजोर हैं और ना ही इनका इतिहास कमजोर रहा है। एक से एक महान विभूतियां समाज के इन वर्गों से निकलकर आई हैं। उन्होंने राष्ट्र के निर्माण में असाधरण भूमिका निभाई है। हमारी सरकार इनकी विरासत को गर्व के साथ सहेज रही है।

मैं जानता हूं कि, भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है

उन्होंने कहा कि रविदास जी ने अपने दोहे में कहा था, ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न, छोट बड़ों सब से, रैदास रहें प्रसन्न। आजादी के अमृतकाल में हम देश को गरीबी और भूख से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कोरोना के दौर में पूरी दुनिया की व्यवस्थाएं चरमरा गईं। गरीब-दलित के लिए हर कोई आशंका जता रहा था। कहा जा रहा था कि 100 साल बाद इतनी बड़ी आपदा आई है। मैंने कहा था कि किसी को भी खाली पेट सोने नहीं दूंगा। मैं भली-भांति जानता हूं कि, भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है।
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उन्हें बराबरी के साथ समाज में स्थान मिल रहा है

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में गरीब कल्याण की जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ दलित-आदिवासी-पिछड़े समाज को हो रहा है। पहले योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं।  लेकिन अब हम समाज के वंचित तबके के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।  कोई भी दलित, वंचित बिना घर के ना रहे, इसके लिए हमारी सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे हैं। घर में जरुरी सुविधा हो इसके लिए बिजली और पानी का कनेक्शन भी मुफ्त दिया गया है। आज दलित और आदिवासी समाज के लोग अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। उन्हें बराबरी के साथ समाज में स्थान मिल रहा है। एससी,एसटी और ओबीसी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप दी जा रही है। स्वरोजगार के लिए लोन दिये जा रहे हैं। 

हम लाखा बंजारा की योजना आगे बढ़ा रहे हैं

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सागर के नाम में ही सागर (समुद्र) है। सागर से लाखा बंजारा का नाम भी जुड़ा है। जिन्होंने पानी की जरूरत  को समझा था और इसके लिए काम किया। आज पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में भी पानी पहुंच रहा है। हम लाखा बंजारा की योजना आगे बढ़ा रहे हैं। आज दलित बस्तियों में, आदिवासी इलाके में, पिछड़े क्षेत्रों में पाईप से पानी पहुंचाए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग के लोगों ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारी सरकार ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है। एक स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम पर किया है। आज आदिवासियों को वो सम्मान मिल रहा है, जिसके वो हकदार थे। मुझे विश्वास है कि संत रविदास की शिक्षाएं एकजुट करती रहेंगी। 

100 करोड़ की लागत से बन रहा मंदिर-स्मारक

संत रविदास मंदिर-स्मारक 11.29 एकड़ भूमि पर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। स्मारक की दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी। यहां भक्तों के ठहरने की जगह भी बनेगी। पूरा प्रोजेक्ट नागर शैली में होगा। कला वीथिका बनेगी। कई अन्य चीजें भी बनेंगी।इसके निर्माण की घोषणा 8 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। संत रविदास मंदिर के लिए पूरे प्रदेश के 53 हजार गांवों से मिट्टी और 350 नदियों का जल लाया जा रहा है। 

एससी, एसटी और ओबीसी वोट बैंक पर है नजर 

मध्य प्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। इसको लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरु कर दी है। बीते 5 महीने में पीएम मोदी पांच बार राज्य का दौरा कर चुके हैं। सागर में हुई इस सभा और संत रविदास मंदिर स्मारक की आधारशिला रखकर पीएम ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय को ध्यान में रखकर की है। इस सभा में उन्होंने बार-बार दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय को लुभाने वाली बातें कहीं। उन्होंने उस सभा के जरिए बताया कि उनकी सरकार ने इन समुदायों के लिए कितना काम किया है। इसमें उन्होंने जमकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं इसके साथ ही पीएम ने विपक्ष पर भी निशाना साधा।  

पांच महीने में पांच बार एमपी आ चुके हैं पीएम मोदी

 पीएम मोदी बीते पांच महीने में पांच बार मध्य प्रदेश आ चुके हैं। इनके इन दौरों को इस वर्ष मध्य प्रदेश में होने वाले चुनावों से जोड़ कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी इस वर्ष सबसे पहले  1 अप्रैल  को भोपाल आए थे। उन्होंने भोपाल-दिल्ली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद वह 25 अप्रैल  को रीवा आएं। यहां पंचायती राज सम्मेलन में शामिल हुए।यहां उन्होंने 2300 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट्स और 7853 करोड़ रुपए की 5 नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। तीन ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद वह 27 जून को भोपाल आए थे।  भोपाल-जबलपुर और भोपाल-इंदौर वंदे भारत ट्रेन को उन्होंने हरी झंडी दिखाई थी। 1 जुलाई  को शहडोल आएं। यहां राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 लॉन्च कार्यक्रम को लांच किया। वहीं अब 12 अगस्त  को सागर में संत रविदास मंदिर और स्मारक की आधारशिला रखी है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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