गुजरात में 9वीं कक्षा की परीक्षा में महात्मा गाँधी जी को लेकर पूछे गये एक सवाल के बाद रविवार को विवाद हो गया। क्योंकि कुछ मीडिया संस्थानों ने इस सवाल का अनुवाद यह बताया कि गाँधीजी ने आत्महत्या कैसे की। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि गुजराती में इस सवाल का मतलब है कि गाँधीजी ने आत्महत्या करने के लिए क्या किया? उनके मुताबिक़, इस सवाल का जवाब है कि गाँधीजी ने आत्महत्या करने के लिए धतूरे के बीज खाए। उन्होंने कहा है कि यह
गाँधीजी के बचपन की घटना है जिसका ज़िक्र उनकी आत्मकथा में भी है।
एक अधिकारी के मुताबिक़, ‘सुफलाम शाला विकास संकुल’ की ओर से संचालित स्कूलों में नौवीं कक्षा की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में यह सवाल पूछा गया है। ‘सुफलाम शाला विकास संकुल’ कुछ स्व वित्तपोषित विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों का संगठन है, जिन्हें गाँधीनगर में सरकारी अनुदान मिलता है।
इसके अलावा 12वीं कक्षा के छात्रों से भी परीक्षा में कहा गया था कि वे अपने इलाक़े में शराब की बिक्री और शराब तस्करों के आतंक के बढ़ने को लेकर अपने जिले की पुलिस के कप्तान को चिट्ठी लिखें। इस तरह का सवाल क्यों पूछा गया जबकि गुजरात में पूरी तरह शराब पर पाबंदी है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, गाँधीनगर के जिला शिक्षा अधिकारी भरत वढेर ने कहा कि शनिवार को हुई इन स्कूलों की आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा में ये सवाल पूछे गये थे। उन्होंने कहा, ‘ये सवाल बेहद आपत्तिजनक हैं और हमने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट के आने के बाद कार्रवाई की जायेगी।’ जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इन प्रश्न पत्रों को इन स्कूलों के प्रबंधन की ओर से तैयार किया गया था और राज्य सरकार के शिक्षा निदेशालय का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
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