नागरिकता संशोधन क़ानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस को लेकर देश भर में मचे बवाल के बीच गृह मंत्रालय ने कहा है कि एनआरसी को देश भर में लागू करने को लेकर अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार को लोकसभा में इसका लिखित में जवाब दिया गया है। लोकसभा में यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या सरकार की देश भर में एनआरसी को लाने की कोई योजना है, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी को बनाये जाने को लेकर कोई फ़ैसला नहीं लिया है।’
नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पेश करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार पहले नागरिकता क़ानून लायेगी और उसके बाद राष्ट्रव्यापी एनआरसी।
इसके अलावा भी अमित शाह ने कई बार चुनावी रैलियों में कहा कि मोदी सरकार 2024 तक देश भर में एनआरसी को लागू करेगी। जबकि पिछले महीने दिल्ली में आयोजित हुई चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि एनआरसी के मुद्दे को लेकर लोगों को भरमाया जा रहा है और डिटेंशन सेंटर का भ्रम पैदा किया जा रहा है। मोदी ने कहा था, ‘नागरिकता क़ानून की तरह ही एनआरसी पर भी झूठ फैलाया जा रहा है। अभी इसको संसद में लाया नहीं गया है, नियम-क़ायदे तय नहीं हुए लेकिन लोगों को बरगलाया जा रहा है।’
संसद में कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, ‘पिछले दो महीनों से पूरा देश नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में सड़कों पर बैठा है। एनपीआर पहले भी किया गया था लेकिन इस बार जो नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) लाया गया है उसमें पिता की जन्मतिथि के बारे में भी जानकारी मांगी गई है।’ आज़ाद ने कहा कि सरकार इसे हिंदू-मुसलिम के मुद्दे की तरह पेश कर रही है जबकि हम यह मानते हैं कि हिंदू-मुसलिम कोई मुद्दा नहीं है।
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