यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ योगी ने बुधवार को पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी। योगी अपने सारे चुनावी वादों को पूरा करने में जुट गए हैं। हालांकि तमाम फैसले हिन्दू तुष्टिकरण के मद्देनजर हैं। इसे 2024 के आम चुनाव की तैयारी का हिस्सा भी बताया जा रहा है। योगी ने बुधवार को पुरोहित कल्याण बोर्ड के संबंध में कहा कि इसके जरिए बुजुर्ग साधुओं का ध्यान रखा जाएगा। योगी ने हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे उनकी पुरानी छवि के विपरीत माना जा रहा है।
योगी का बुधवार को लिया गया यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि योगी गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रहे हैं। अभी भी वह सप्ताह में एक बार कम से कम इस मंदिर में जाते हैं। गोरखनाथ मठ के बहुत सारे मंदिर हैं।
रायबरेली में एक जनसभा में योगी ने कहा था, हमने पुरोहित कल्याण बोर्ड (पुजारी कल्याण बोर्ड) का गठन करने का फैसला किया है। सभी संस्कृत छात्रों को विशेष छात्रवृत्ति मिलेगी। कांग्रेस को फटकार लगाते हुए योगी ने कहा था कि वे लोग संस्कृति के बारे में कुछ भी नहीं जानते। हमें हिंदू होने पर गर्व होना चाहिए।
नए बोर्ड में यूपी के सभी धार्मिक शहरों में मंदिरों के आसपास सड़क निर्माण आदि पर खासतौर से काम किया जाएगा। जैसे अयोध्या में हनुमानगढ़ी के आसपास की सड़क को ठीक किया जाएगा। अयोध्या सर्किट के अलावा कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट, महाभारत सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट आदि में तमाम ऐसे काम किए जाएंगे।
संस्कृत भाषा को भी बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। संस्कृत पढ़ने वाले हर छात्र को स्कॉलरशिप मिलेगी।
योगी इधर ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिससे बहुसंख्यक समुदाय में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है। एक दिन पहले उन्होंने आदेश दिया था कि यूपी में कोई भी धार्मिक जुलूस अब बिना अनुमति नहीं निकल सकेगा। आयोजकों को हलफनामा देना होगा। इसी तरह लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने का निर्देश दिया था। इन दोनों फैसलों का लोगों ने स्वागत किया था।
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