कई राजनीतिक दलों की यात्रा करते हुए हरियाणा के पुराने कांग्रेसी नेता रहे अशोक तंवर आज आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने आप सुप्रीमो केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी आस्था और विश्वास जताया। हरियाणा में आप नेता के रूप में अभी तक नवीन जयहिन्द ही जाने जाते थे। लेकिन पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनका कोई राजनीतिक रूप से कोई अता पता नहीं चल रहा है। अशोक तंवर को आप हरियाणा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि पिछले दिनो आईएएस अशोक खेमका के आने की चर्चा चली थी लेकिन अभी तक स्थिति साफ नहीं है। अशोक खेमका हरियाणा के ईमानदार अफसरों में शुमार हैं। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर अभी तक तृणमूल कांग्रेस में थे। तंवर ने केजरीवाल को पार्टी में शामिल होने का मौका देने के लिए बधाई दी और कहा कि आम आदमी पार्टी ईमानदार राजनीति और मजबूत शासन के लिए है। आप में शामिल होने का उनका फैसला तब आया जब हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनावों में चुनावी सफलता से उत्साहित अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली पार्टी देश में अपना विस्तार कर रही है।
तंवर ने कहा कि लोगों की सेवा करने की मेरी प्रतिबद्धता है। मुझे आम आदमी पार्टी के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने में खुशी हो रही है, जो ईमानदार राजनीति और मजबूत शासन के लिए खड़ी है। मुझे यह मौका देने के लिए अरविंद केजरीवाल का आभार।
उन्होंने कहा, मैं युवाओं, वंचितों, किसानों, गरीबों, महिलाओं से इस प्रक्रिया में शामिल होने का आह्वान करता हूं। आइए एक उज्जवल हरियाणा, एक बेहतर हरियाणा, एक साहसी हरियाणा बनाने के लिए हाथ मिलाएं।
तंवर, 2019 में कांग्रेस छोड़ने के बाद, फरवरी 2021 में अपनी खुद की पार्टी 'अपना भारत मोर्चा' शुरू की। वह नवंबर 2021 में टीएमसी में शामिल हुए।
तंवर जब राष्ट्रीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के प्रभारी थे, तब उन्हें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता था। हालांकि, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ लंबे समय तक विवाद के बाद तंवर ने राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अक्टूबर 2019 में कांग्रेस छोड़ दी। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में, तंवर ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) को अपना समर्थन दिया था और कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था। 2009 में, उन्होंने हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, वह 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए थे।
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