सरकार ने 10 एजेंसियों को यह हक़ दे दिया है कि वे शक के आधार पर बिना किसी की अनुमति लिए किसी का कंप्यूटर ट्रैक कर वहाँ पड़ी फ़ाइलें देख सकती हैं। इन एजंसियों में प्रवर्तन निदेशालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, इनकम टैक्स विभाग आदि हैं। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर इन एजेंसियों से कहा है कि यदि किसी नागिरक बारे में शक हो कि वह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल है या उसकी किसी गतिविधि से देश को नुक़सान हो सकता है तो वह उसके कंप्यूटर को ट्रैक करे। इसके लिए उन्हें किसी से इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं है।
इसके तहत ये एजेंसियां किसी भी आदमी के कंप्यूटर को ट्रैक कर सकती हैं और वहाँ पड़ी फ़ाइल देख सकती हैं।
इसे निजता का उल्लंघन माना जा रहा है। यह भी समझा जा रहा है कि सरकार में बैठे लोग इसका ग़लत इस्तेमाल कर सकते हैं और विरोधियों को निशाना बनाया जा सकता है। ख़ास कर लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र इसे विरोधियों की जासूसी के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
P Chidambaram on MHA order authorizing agencies for purposes of interception, monitoring of information: Not studied the matter, but if anybody is going to monitor computers then it is an Orwellian state(a condition that George Orwell identified as destructive for a free society) pic.twitter.com/40ZgOOuvwJ
— ANI (@ANI) December 21, 2018
Modi has used a simple Government Order to permit our national agencies to snoop on our communications.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2018
Who knew that this is what they meant when they said ‘ghar ghar Modi’.
George Orwell’s Big Brother is here & welcome to 1984. pic.twitter.com/DrjQkdkBKh
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