loader
प्रतीकात्मक तसवीर।

कोरोना: मां की मौत के बाद भी सैनिटाइज करने की ड्यूटी निभाते रहे अशरफ़

कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ चल रही इस जंग में सैकड़ों लोग ऐसे भी हैं, जो अपना दुख किनारे रखकर लोगों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें सैनिटाइजेशन के काम में लगे सफाई कर्मचारी, डॉक्टर्स और ज़रूरी सेवाएं जनता तक पहुंचा रहे लोग शामिल हैं। 

भोपाल नगर निगम में कार्यरत अशरफ़ अली और इरफ़ान ख़ान ऐसे ही लोगों में शामिल हैं। अशरफ़ भोपाल नगर निगम में सफाई विभाग के प्रभारी हैं। इन दिनों उन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और काम भी ज़्यादा है। बुधवार सुबह अशरफ़ की मां का देहांत हो गया। अशरफ़ को जब यह ख़बर मिली तो वह ड्यूटी पर थे। अशरफ़ घर जा सकते थे लेकिन वह सारे घरों को सैनिटाइज करने की अपनी जिम्मेदारी पूरा करके ही घर गये। 

ताज़ा ख़बरें

अशरफ़ ने एनडीटीवी से कहा, ‘मां से बड़ा कोई नहीं होता। मां के बाद आपका वतन सबसे अहम है और यह अभी ख़तरे में है। मुझे सुबह मां की मौत के बारे में पता चला लेकिन देश के लिये भी मेरा कुछ कर्तव्य है। मैं दिन में शव को दफनाने के लिये गया लेकिन शाम को फिर काम पर लौट आया।’ 

दूसरे शख़्स इरफ़ान ख़ान भोपाल नगर निगम में डाटा मैनेजर के तौर पर काम करते हैं और कोरोना वायरस से लड़ रही टीम का हिस्सा हैं। इरफ़ान का सोमवार को एक्सीडेंट हो गया था जिसमें उनके गले की हड्डी टूट गई और दायां हाथ फ़्रैक्चर हो गया। डॉक्टर की हिदायत के बाद भी इरफ़ान काम पर लौट गये। 

देश से और ख़बरें

इरफ़ान ने एनडीटीवी से कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस जंग में हम सभी को अपना योगदान देने की ज़रूरत है। नगर निगम के आयुक्त विजय दत्त ने एनडीटीवी से कहा, ‘ये लोग इस कठिन समय के असली हीरो हैं। अशरफ़ हमारे स्टाफ़ के लिये प्रेरणा हैं। वह 5,000 से 7,000 घरों को सैनिटाइज कर रहे हैं।’ 

मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में अशरफ़ और इरफ़ान जैसे योद्धाओं के दम पर ही इस बेहद मुश्किल जंग को जीता जा सकता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें