loader

सरकार ने फिर कोरोना के सामुदायिक संक्रमण से किया इनकार, कहा, मृत्यु दर सबसे कम

केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा है कि देश में अभी भी कोरोना का सामुदायिक संक्रमण नहीं हो रहा है। लंबे समय के बाद कोरोना पर हुई प्रेस ब्रीफिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय में ऑफ़िसर ऑन स्पेशल ड्यूटी राजेश भूषण ने साफ़ शब्दों में कह दिया कि सामुदायिक संक्रमण नहीं हो रहा है। 

एम्स प्रमुख की कही बात के उलट

यह ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज के प्रमुख के उस बयान के उलट है, जिसमें उन्होंने यह माना था कि कुछ इलाक़ों में सामुदायिक संक्रमण हो सकता है। पत्रकार करण थापर से बात करते हुए एम्स के प्रमुख ने कहा था कि कुछ इलाक़ों में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण से इनकार नहीं किया जा सकता है। 
देश से और खबरें
लेकिन गुरुवार को इसके उलट स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि 739 ज़िलों वाले देश में यदि 43 ज़िलों से ही 80 प्रतिशत मामले सामने आते हैं तो इसे किसी भी सूरत में सामुदायिक संक्रमण नहीं कहा जा सकता है। 
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी हर देश को यह छूट दे रखी है कि वे इसे अपने ढंग से देखें और अपने हिसाब से प्रोटोकॉल जारी करें। 

संक्रमण दर सबसे कम

राजेश भूषण यह भी कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण की दर दुनिया में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना के 538 मामले हैं। जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए कई देशों में तो केस भारत से 16-17 गुना ज्यादा हैं। मृत्यु दर भी भारत में कम है।
राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर 15 मौतें हुई हैं। वहीं, कुछ ऐसे देश हैं जहाँ यह दर इससे 40 गुना ज्यादा है, हालाँकि उन्होंने उस देश का नाम नहीं लिया। 

मृत्यु दर कम

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। आज देश में कोरोना के 2,69,000 सक्रिय मामले हैं, जबकि 4,76,378 लोग ठीक हो चुके हैं। 
इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने कहा कि कोरोना के दो टीकों पर ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इनमें से एक यानी भारत बायोटेक का टीका तो जल्द ही तैयार भी हो जाएगा। लेकिन उन्होंने इसकी कोई तारीख नहीं दी या यह नहीं कहा कि कब तक ह्यूमन ट्रायल पूरा हो जाएगा। यह इसलिए अहम है कि इसके पहले एक बार यह कह कर आईसीएमआर फंस चुका है कि 15 अगस्त तक टीका तैयार हो जाएगा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें