क्या है तीसरे चरण का संक्रमण?
तीसरे चरण के संक्रमण को सामुदायिक संक्रमण कहते हैं। यह संक्रमण का वह चरण है, जिसमें संक्रमण के स्रोत का पता नहीं रहता है या यह ऐसे किसी आदमी से नहीं फैला होता है जो विदेश से आया हो या जिसमें पहले से ही इस संक्रमण के लक्षण पाए गए हों।आईसीएमआर ने क्या कहा?
इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रीसर्च (आईसीएमआर) के प्रमुख रमण गंगाखेडकर ने कहा है कि 'शनिवार को कुछ ऐसे रोगी भी पाए गए, जिनमें सीवियर अक्यूट रेसपिरेटरी इलनेस (सारी) था। लेकिन वह किसी ऐसे आदमी के संपर्क में नहीं थे, जिसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पहले ही पाए गए थे।'गंगाखेडकर ने यह नहीं बताया कि इस तरह के कितने रोगी अब तक पाए गए हैं, पर उन्होंने यह ज़रूर कहा कि ऐसे लोग कई जगह पाए गए हैं।
नेशनल हेल्थ सिस्टम्स रीसोर्स सेंटर के पूर्व प्रमुख टी. सुंदररमण ने कहा कि 'यदि ऐसे लोगों की संख्या कम भी है तो यह संकेत तो मिल ही रहा है कि भारत कोरोना संक्रमण के तीसरे चरण में है।'
सबूत न हो, रोग तो है!
उन्होंने इसके आगे कहा कि सरकार को इससे इनकार नहीं करना चाहिए। सुंदररमण ने यह भी कहा कि कोई सबूत नहीं मिलने का मतलब यह नहीं होता कि वह रोग है ही नहीं। कई बार सीवियर अक्यूट रेसपिरेटरी इलनेस को कोरोना के रूप में साबित करना मुमकिन नहीं होता है, पर वह वास्तव मे कोरोना ही होता है, जो बाद में साबित होता है।उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली ने अनौपचारिक चेतावनी दे दी है कि सामुदायिक संक्रमण तेज़ होने वाला है और जो अनुमान लगाया जा रहा है, उससे पहले पहुँच सकता है।
शनिवार को ओड़िशा और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ताओं ने भी इसके संकेत दे दिए कि संक्रमण जल्द ही होने वाला है। उत्तर प्रदेश और ओड़िशा के गाँवों में संक्रमण से लड़ने की तैयारी जोरो पर है।
ओड़िशा सरकार ने हर ग्राम पंचायत को आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए 5 लाख रुपए की स्वीकृति दे दी है। स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी सुविधाओं का भी पता लगाया जा रहा है।
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