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राहुल गांधी रिटायर्ड जनरल दीपक कपूर के साथ।

जनरल दीपक कपूर का बीजेपी को करारा जवाब

रिटायर्ड आर्मी चीफ जनरल दीपक कपूर ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है। दीपक कपूर दो दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे और राहुल गांधी के साथ कुछ देर तक पैदल भी चले। बीजेपी नेता और बीजेपी आईटी सेल चलाने वाले अमित मालवीय ने जनरल कपूर का राहुल के साथ फोटो शेयर करते हुए विवादित टिप्पणी की। मालवीय ने जनरल कपूर पर कई आरोप लगाए। अमित मालवीय तमाम विवादित वीडियो, फोटो शेयर करने के लिए काफी बदनाम हो चुके हैं। 

जनरल कपूर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह यात्रा को लेकर उन पर लगाए जा रहे किसी भी आरोप पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। लेकिन कोई भी यात्रा, जो भारत को एकजुट करती है, मैं उसमें जरूर शामिल रहूंगा।

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कांग्रेस का हमला

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी के अमित मालवीय की टिप्पणी का तीखा जवाब दिया। सुप्रिया ने लिखा - जनरल कपूर, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दिग्गज, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम और सेना पदक के प्राप्तकर्ता हैं। 1967 से 2010 तक चार दशकों तक हमारे देश की सेवा की। आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए कि हमारे देश के बहादुरों पर कीचड़ उछाल रहे हो। सुप्रिया श्रीनेत की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा - आप ऐसे बीमार मानसिकता वाले से किसी बेहतर की उम्मीद कर सकते हैं।

कांग्रेस के पवन खेड़ा ने अमित मालवीय को बहुत तीखे तरीके से याद दिलाया - उनके (मालवीय) बॉस किस हद तक नीचे गिर गए थे जब उन्होंने जनरल दीपक कपूर और डॉ. मनमोहन सिंह पर 2017 में गुजरात में उन्हें हराने के लिए आईएसआई के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया था। बाद में जेटली को संसद में माफी मांगनी पड़ी थी।
जनरल कपूर का अतीतः इंडियन एक्सप्रेस ने ताजा विवाद के संदर्भ में मंगलवार को लिखा है कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर के लिए विवाद नए नहीं हैं। 1967 में आर्टिलरी रेजीमेंट में कमीशन प्राप्त अधिकारी दीपक कपूर ने सेना में अपने चार दशक लंबे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ की नियुक्तियां कीं। उन्होंने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध और 2001-2002 में ऑपरेशन पराक्रम में भाग लिया। कई सफल आर्मी ऑपरेशन में शामिल रहे हैं।
जनरल कपूर ने टॉप रैंक पदोन्नति नीति में परिवर्तन किया, जिसकी खूब आलोचना हुई। सेना के अधिकारी भी इससे खुश नजर नहीं आए। लेकिन उस नीति को अभी तक सेना ने बदलने और पुरानी नीति वापस लाने का साहस नहीं दिखाया। हालांकि इस नीति की बाद के आर्मी चीफ ने जांच कराई लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। 
मुंबई के आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में 2017 में जनरल कपूर के साथ एक अन्य पूर्व सेना प्रमुख जनरल एनसी विज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर रक्षा मंत्रालय की एक जांच समिति ने सवाल उठाए थे।
उसी रिपोर्ट में, यह भी कहा गया था कि जनरल कपूर सीधे मामले से जुड़े नहीं थे। लेकिन उन्होंने सही सलाह नहीं दी। 2017 में ही पूर्व सेना प्रमुख को एक और विवाद में घसीटा गया। गुजरात में एक चुनावी भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा उनके आवास पर आयोजित डिनर मीटिंग का जिक्र करते हुए गुजरात चुनावों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप का आरोप लगाया। कहा गया था कि उस डिनर मीटिंग में जनरल कपूर के अलावा कुछ पूर्व राजनयिक, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मौजूद थे। यह डिनर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की भारत यात्रा के दौरान आयोजित किया गया था।
चुनावी सरगर्मी खत्म होने के बाद यह मामला फीका पड़ गया था, कपूर ने बताया कि बैठक में भारत-पाकिस्तान संबंधों के अलावा और कुछ भी चर्चा नहीं हुई। बाद में दिवंगत अरुण जेटली ने इन कथित आरोपों पर सदन में माफी मांगी थी।

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जनरल कपूर 2019 में, उन 100 से अधिक दिग्गजों के समूह में शामिल थे, जिन्होंने राष्ट्रपति को भेजे पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उसमें कहा गया था कि राजनीतिक दलों को अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह पत्र पाकिस्तान के अंदर बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के तुरंत बाद लिखा गया था।
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क़मर वहीद नक़वी
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