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प्रतीकात्मक तस्वीर

गीतिका के भाई ने कहा, फैसला सुनते ही पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई

एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की आत्महत्या मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को राहत देते हुए उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है। लगभग 11 साल बाद इस केस में आए फैसले से गीतिका के परिजन दुखी हैं। 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट के इस फैसले के बाद गीतिका के भाई अंकित शर्मा काफी निराश दिखे। उन्होंने मीडिया से कहा कि, फैसला सुनते ही मेरे पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई। गोपाल कांडा को लेकर कहा कि, उसके साथ कभी आरोपी जैसा व्यवहार हुआ ही नहीं। कहा, मैं अभी बात करने की स्थिति में नहीं हूं, सोचूंगा आगे क्या करना है।  
वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से हम बहुत निराश हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि इस केस में फैसला हमारे पक्ष में आएगा। यह केस पूरी तरह से स्पष्ट था और कई तरह के संदेशों से यह साफ दिख रहा था कि गोपाल कांडा ने मेरी बहन का उत्पीड़न किया था और उसको आत्महत्या के लिए उकसाया था। 

एयर होस्टेस थीं गीतिका शर्मा

ख़राब रेडियो टीवी रिपेयर करने वाले मैकेनिक से एक एयरलाइंस के मालिक बने गोपाल कांडा की कंपनी में ही गीतिका शर्मा एयरहोस्टेस थीं। गोपाल कांडा विधायक भी रहे और मंत्री भी बने थे। गीतिका शर्मा  5 अगस्त 2012 को दिल्ली में अपने आवास पर मृत पाई गई थीं।तब 4 अगस्त के अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने 46 वर्षीय कांडा और एक अन्य व्यक्ति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मैंने अपनी जिंदगी में गोपाल कांडा से बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है। गोपाल कांडा एक फ्रॉड है और हमेशा लड़कियों के प्रति गलत नजर रखता है'।  
गीतिका शर्मा की मृत्यु के छह महीने बाद उनकी माँ ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में परिवार के दो-बेडरूम वाले अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। गीतिका की मां ने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया था।
गीतिका शर्मा  के परिजनों का आरोप था कि गोपाल कांडा की एयरलाइन बंद होने के बाद वह 2010 में अमीरात एयरलाइंस के साथ काम करने के लिए दुबई चली गईं। लेकिन कांडा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर जाली पत्र बनाए कि वह पांच महीने बाद ही भारत लौट आए। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि उसने फिर से उसके लिए काम करने के लिए उसे ब्लैकमेल किया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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