अपनी अमीरी की वजह से गौतम अडानी फिर से सुर्खियों में हैं। वह दुनिया भर के सबसे बड़े धनकुबेरों की सूची में अब तीसरे स्थान पर पहुँच गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की यह सूची है। जिन अडानी को कुछ साल पहले तक शायद ही ज़्यादा लोग जानते हों, उन्होंने अब वारेन बफ़े, बिल गेट्स, जैक मा और अंबानी जैसे धनकुबेरों को पीछे छोड़ दिया है।
यह पहली बार है जब कोई एशियाई व्यक्ति ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के शीर्ष तीन में शामिल हुआ है। भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी और चीन के जैक मा जैसे एशियाई भी सूची में कभी इस स्थान पर नहीं पहुँचे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार 137.4 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अडानी ने फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट को पीछे छोड़ दिया है और अब रैंकिंग में केवल अमेरिका के एलन मस्क और जेफ बेजों से पीछे हैं।
अडानी ने अकेले 2022 में अपनी संपत्ति में 60.9 बिलियन डॉलर जोड़े हैं, जो किसी और की तुलना में पांच गुना अधिक है। उन्होंने पहली बार फरवरी में अंबानी को सबसे अमीर एशियाई के रूप में पछाड़ दिया था। वह अप्रैल में एक अरबपति बने और पिछले महीने दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के बिल गेट्स को पीछे छोड़ दिया।
तब अप्रैल में फोर्ब्स की रीयल-टाइम अरबपतियों की सूची के अनुसार भारतीय व्यवसायी अडानी की कुल संपत्ति 115.5 बिलियन डॉलर तक पहुँच गई थी और तब बिल गेट्स की संपत्ति 104.6 बिलियन डॉलर ही थी।
अडानी दुनिया के कुछ सबसे अमीर अमेरिकी अरबपतियों को आंशिक रूप से पीछे छोड़ने में इसलिए भी सफल रहे क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपने परोपकार को बढ़ावा दिया है। गेट्स ने हाल ही में कहा था कि जुलाई में उन्होंने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को 20 बिलियन डॉलर ट्रांसफर किया, जबकि वॉरेन बफ़े पहले ही 35 बिलियन डॉलर से अधिक ऐसा ही दान कर चुके हैं।
परोपकार पर खर्च किए गए अरबों डॉलर ने बिल गेट्स और वारेन बफ़े को ब्लूमबर्ग की संपत्ति रैंकिंग में नीचे धकेल दिया है। गेट्स अब पांचवें और बफ़े छठे स्थान पर हैं।
बहरहाल, अडानी की संपत्ति बढ़ने की रफ़्तार तेज होने की कुछ खास वजह भी है। एक समय जिस गौतम अडानी के बारे में ख़बर आई थी कि कोरोना काल में जहाँ आम तौर पर लोगों की आय कम हुई थी वहाँ अडानी हर रोज़ 1000 करोड़ कमा रहे थे।
अक्टूबर महीने में आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, यह पहली बार था जब गौतम अडानी और उनके दुबई में बसे भाई विनोद शांतिलाल अडानी उस सूची में शीर्ष 10 में शामिल हुए थे।
अडानी समूह के अध्यक्ष को छोटे कमोडिटी व्यापार को बड़े व्यवसायिक बंदरगाहों, खानों और हरित ऊर्जा में फैले समूह में बदलने के लिए जाना जाता है।
60 वर्षीय अडानी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कोयला व बंदरगाह से विस्तार करते हुए डेटा सेंटर से लेकर सीमेंट, मीडिया और एल्युमिनियम तक हर चीज में कदम रखा है। समूह अब भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बंदरगाह और हवाई अड्डे का संचालक, शहर-गैस वितरक और कोयला खनिक का मालिक है।
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