अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी एक और मामले में फँस गए हैं। अमेरिका में उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने भारत में एक बड़ा पावर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की साजिश रची। द गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि या तो घूस की यह रक़म भुगतान की जा रही है या फिर यह देना तय हुआ है। न्यूयॉर्क में उनपर यह आरोप इसलिए लगा है कि 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की इस योजना को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया गया।
भारत में गौतम अडानी की सौर परियोजनाओं से जुड़ी कथित कई अरब डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना में उनकी भूमिका के लिए ही यह अभियोग लगाया गया है। अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को कहा कि अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य लोगों ने 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर का लाभ कमाने वाले अनुबंध को पाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई।
आरोप लगाया गया है कि अभियोजकों ने यह भी कहा कि अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के एक अन्य कार्यकारी, पूर्व सीईओ विनीत जैन ने ऋणदाताओं और निवेशकों से अपने भ्रष्टाचार को छिपाकर 3 बिलियन डॉलर से अधिक का ऋण और बांड जुटाए।
द इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि अभियोग के अनुसार कुछ षड्यंत्रकारियों ने गौतम अडानी को निजी तौर पर 'न्यूमेरो ऊनो' और 'द बिग मैन' कोड नामों से संबोधित किया, जबकि सागर अडानी ने कथित तौर पर रिश्वत के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने सेलफोन का इस्तेमाल किया। अडानी समूह ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा मांगी गई टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया है।
आरोप है कि भारत में यह अनुबंधों को पाने में मदद करने के लिए सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दे रहा था या देने की योजना बना रहा था।
इस बीच, एक अन्य कार्रवाई में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने अडानी और दो सह-प्रतिवादियों पर अमेरिकी प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आयोग मौद्रिक जुर्माना लगाने और अन्य प्रतिबंधों की मांग कर रहा है। दोनों मामले ब्रुकलिन की संघीय अदालत में दायर किए गए।
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