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ताजमहल में कब्र पर गंगा जल गिराता उपद्रवी युवक।

आगरा में ताजमहल के अंदर कब्र पर 'गंगाजल' डाला, दो हिरासत में

आगरा में तनाव फैलाने की फिर कोशिश हुई। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें हिंदू महासभा कार्यकर्ता को आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताज महल के अंदर एक कब्र पर गंगाजल डालते देखा जा सकता है। गंगाजल डालने वालों ने ही वीडियो भी बनाया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने कब्र पर गंगाजल डालने के आरोप में विनेश और श्याम नाम के दो युवकों को हिरासत में लिया है।

ताज महल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है। सीआईएसएफ जवान एंट्री गेट पर तलाशी और बैगों की जांच करने का काम सौंपा गया है। वे ताज के परिसर के अंदर और मुख्य मकबरे पर भीड़ का प्रबंधन भी करते हैं। लेकिन पर्यटकों की सुविधा के लिए सीआईएसएफ जवान बोतल में पानी ले जाने से नहीं रोकते हैं। आरोपी विनेश और श्याम बिसलेरी की बोतल में गंगाजल लेकर अंदर गए थे।

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इस मामले का जो वीडियो वायरल है, उसमें सीआईएसएफ जवान को भी देखा जा सकता है। लेकिन जब युवक पानी डाल रहा था तो किसी ने उसे नहीं रोका। वहां उस समय तमाम लोग मौजूद थे।

अखिल भारत हिंदू महासभा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौड़ सोमवार सुबह कांवड़ लेकर ताजमहल पहुंचीं थीं। उनके पास गंगाजल था। वो ताजमहल पर गंगाजल चढ़ाना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें पश्चिमी गेट पर लगे बैरियर पर रोक दिया। कई घंटों तक सुरक्षा बैरियर पर हंगामा होता रहा। मीरा ने दावा किया कि तेजो महालय भगवान शिव का मंदिर है और वह शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने आई है।

समझा जाता है कि जब मीरा राठौड़ को रोक दिया गया तो उसी ग्रुप के दो युवकों पर ताजमहल की कब्र पर गंगाजल छिड़कने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने इस बात का फायदा उठाया कि सीआईएसएफ जवान पानी की बोतल चेक नहीं करते। हालांकि कब्र के पास तैनात जवान ने कब्र पर पानी गिराए जाने पर आरोपी युवक को रोका नहीं।

इससे पहले 2019 में मीना दिवाकर नाम की महिला ने भी ताज महल में कांवड़ ले जाने की कोशिश की थी। मीना दिवाकर ने वहां शिव आरती भी की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीना दिवाकर के खिलाफ छह मामले दर्ज किए गए हैं। सभी मामले ताजमहल पर कांवड़ चढ़ाने और शिव आरती करने से जुड़े हैं।

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यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर इस बार कई विवाद सामने आए। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक विवादास्पद आदेश जारी किया कि खाने-पीने की दुकानों पर उनके मालिकों के नाम लिखकर लगाए जाएं, ताकि मालिक के धर्म की पहचान उसके नाम से हो सके। योगी ने अपने आदेश में हलाल सामान भी यूपी में बेचने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने योगी के आदेश पर अगले ही दिन रोक लगा दी थी। इसके अलावा कांवड़ यात्रा के दौरान हिंसा की कई घटनाएं पूरे राज्य से सामने आईं। इसमें कुछ ढाबों पर कांवड़ यात्रियों ने तोड़फोड़ की। मेरठ और अन्य जगहों पर एक कार को तोड़ने का वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें मुस्लिम युवक थे। उनकी पिटाई भी की गई। हापुड़ में एक मसजिद के अंदर कावड़ यात्रियों ने जबरन घुसने की कोशिश की। गेट बंद होने के कारण पथराव और तोड़फोड़ बाहरी हिस्से में की। यूपी के कई शहरों से कावंड़ियों द्वारा की गई हिंसा के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहे। उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ियों के उपद्रव को देखते हुए मसजिदों और मजारों को पूरे दिन चादर से ढका गया। 
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क़मर वहीद नक़वी
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