फिटजी के अधिकारियों ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के कारण कई टीचरों ने एकसाथ नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद कोचिंग सेंटर को बंद करने का फैसला लिया गया। FIITJEE की एक ब्रांच के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 'संस्थान की वित्तीय स्थिति लंबे समय से खराब थी, समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में कई टीचरों को दूसरी जगहों से ऑफर मिले और लोग वहां चले गए।'
एक ताजा सूचना में गुरुवार को बताया गया कि नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, पटना, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में फिटजी कोचिंग सेंटर की शाखाएं बंद हो चुकी हैं। मेरठ FIITJEE सेंटर पर नोएडा से टीचरों का इंतजाम किया गया। लेकिन यह ज्यादा नहीं चल सका। इसके बाद संस्थान बंद करना पड़ा। कई पैरट्ंस ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि निजी कोचिंग संस्थान ने उन्हें पैसे भी नहीं लौटाए। सोशल मी़डिया पर ऐसे कई वीडियो और फोटो शेयर की गईं हैं जिनमें पैरंट्स को संस्थान की अब बंद हो चुकी शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन करते दिखा जा सकता है।
दिल्ली में आईआईटी के पास कालू सराय में FIITJEE का सबसे बड़ा सेंटर भी बंद हो गया है। यहां के टीचरों को वेतन नहीं मिल रहा था। इसलिए उनके नौकरी छोड़ने के बाद क्लास बंद हो गईं। कालू सराय सेंटर के सुरक्षा गार्डों ने कहा कि मैनेजमेंट के लोग पांच दिनों से सेंटर पर नहीं आये हैं। FIITJEE वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबरों पर की जा रही कॉल को कोई नहीं उठा रहा है।
मेरठ-वेस्ट यूपी का FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद हुआ, 15 करोड़ से ज्यादा की रकम लेकर संचालक फरार, 500 से ज्यादा छात्र-छात्राओं का कैरियर संकट में
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) January 22, 2025
कोचिंग सेंटर में ताला डालकर संचालक फरार, हर छात्र से 4-6 लाख रुपए की फीस वसूल की गई
कोचिंग सेंटर की फैकल्टी ने दूसरा सेंटर ज्वॉइन किया,… pic.twitter.com/Dco7dySJvK
गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने कहा, 'एडीएम (प्रशासन) के निर्देश के बाद, हमारे विभाग की टीम ने दस्तावेजों की जांच की और पाया कि दिए गए पते पर फिटजी केंद्र का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। यह यूपी कोचिंग रेग्युलेशन एक्ट, 2002 का स्पष्ट उल्लंघन है।' वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से कविनगर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है, 'जांच से साफ है कि जो लोग कोचिंग चला रहे थे, उन्होंने अभिभावकों/बच्चों को धोखा दिया और उनसे फीस वसूल की। कृपया एफआईआर दर्ज करें और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।' इसके बाद, केंद्र के चार वरिष्ठ अधिकारियों, चेयरपर्सन डीके गोयल, मुख्य ऑपरेशन अधिकारी मनीष आनंद, समूह वित्तीय अधिकारी राजीव बब्बर और केंद्र प्रभारी आशीष गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
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