कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ थोड़ी देर में बैठक हो सकती है। इससे पहले बुधवार सुबह संयुक्त किसान मोर्चा की एक आपात बैठक भी बुलाई गई। केंद्र सरकार की ओर से किसानों की मांगों को माने जाने के प्रस्ताव के बाद भी कुछ बातों पर गतिरोध है, माना जा रहा है कि मंत्री के साथ बैठक में इस गतिरोध को ख़त्म करने को लेकर बातचीत होगी।
बताया जा रहा है कि मंत्री के साथ बैठक में जो भी बातें होंगी, उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा की दोपहर 2 बजे होने वाली बैठक में किसान संगठनों के सामने रखा जाएगा। किसान बीते एक साल से दिल्ली के बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे हैं।
मंगलवार को केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी मांगों को पूरा करने के संबंध में लिखित आश्वासन दिया था।
कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद किसान नेता चाहते हैं कि उनकी बाक़ी मांगों पर भी सरकार फ़ैसला करे। किसानों की छह मांगें हैं, इनमें एमएसपी को लेकर गारंटी क़ानून बनाना और आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस लेना अहम है।
किसान नेता राकेश टिकैत का साफ कहना है कि एमएसपी पर गारंटी क़ानून और किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए सहित बाक़ी मांगों को माने बिना आंदोलन ख़त्म नहीं होगा।
किसानों की बाक़ी मांगों में बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवज़ा देना भी शामिल है।
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