loader

पंजाब के पानी के लिए किसान नेता राजेवाल क्यों करेंगे आंदोलन?

पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल अब पानी के मुद्दे पर पंजाब में आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। 79 साल के राजेवाल एक महीना पहले हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गए थे। वो अपनी जमानत तक गवां बैठे थे। बलबीर सिंह राजेवाल वही किसान नेता हैं, जिन्होंने तीनों कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब से किसानों का आंदोलन शुरू किया था जो देखते-देखते पूरे देश में फैल गया था। उसके बाद मोदी सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे।

किसान नेता और संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि मैं इस बार पंजाब के पानी के लिए लड़ूंगा। इंडियन एक्सप्रेस से समराला के शाही पैलेस में बात करते हुए राजेवाल ने पानी पर आंदोलन शुरू करने की बात कही। समराला वही जगह है, जहां से राजेवाल ने चुनाव लड़ा था और उन्हें सिर्फ 4,676 वोट (कुल वोटों का 3.5%) मिले थे।

ताजा ख़बरें
राजेवाल ने कहा, हर कोई जानता है कि पंजाब का जल स्तर बहुत नीचे जा रहा है और पंजाब जल्द ही एक रेगिस्तान में बदल जाएगा। हमें पानी बचाने के लिए काम करने की जरूरत है... हमारे राजनीतिक विरोधी पंजाब बनाम हरियाणा और यहां तक ​​कि राजस्थान को बीच में डालकर कहानियां गढ़ रहे हैं... लेकिन हरि-के-पट्टन से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के मुक्त प्रवाह को कौन रोकेगा? यानी राजेवाल के कहने का मतलब ये है कि जिस तरह पानी के मसले को हरियाणा-पंजाब-राजस्थान का मसला बनाया जा रहा है, वो सही नहीं है। जो पानी पाकिस्तान की तरफ जा रहा है, उसकी बात कोई क्यों नहीं करता।

राजेवाल ने कहा, फिरोजपुर में हरि-के-पट्टन से, मुफ्त पानी पाकिस्तान की ओर जाता है और इस मुद्दे को कभी समझा ही नहीं गया है। यदि इसे नियंत्रित किया जाए तो पंजाब के पास अपने इस्तेमाल के लिए पर्याप्त पानी होगा और पड़ोसी राज्यों को भी देगा। इसी तरह रावी का पानी पाकिस्तान की तरफ बहता है...। 

तमाम नेता उन मुद्दों पर चिल्लाते रहते हैं जो हमें बांटते हैं और इसलिए कहते हैं कि हरियाणा को पानी की एक बूंद भी नहीं दी जा सकती... लेकिन उस पानी का क्या है जो पाकिस्तान में बहकर जा रहा है?


-बलबीर सिंह राजेवाल, किसान नेता, इंडियन एक्सप्रेस से

उन्होंने कहा कि जब दिल्ली पानी लेने के लिए हिमाचल प्रदेश को पैसा देता है, तो पंजाब को क्यों नहीं? यमुना के पानी का भी हिसाब होना चाहिए। हरियाणा और हिमाचल बनने से पहले यह पंजाब का हिस्सा था। वरिष्ठ किसान नेता ने यह भी कहा कि पंजाब के पानी के लिए लड़ाई हमारे हरियाणा के भाइयों के साथ मिलकर की जाएगी क्योंकि हम एक हैं। किसान नेता ने कहा, मैं इस मामले का गहराई से अध्ययन कर रहा हूं। मैं आम आदमी पार्टी की सरकार को कुछ समय देना चाहता हूं। जुलाई में हम उन्हें पंजाब के पानी के मुद्दे पर नोटिस देंगे और फिर आंदोलन शुरू करेंगे। हमें उम्मीद है कि लोग इससे जुड़ेंगे क्योंकि जल ही जीवन है।

25 दिसंबर, 2021 को पंजाब के 32 में से 22 किसान संघों ने एसएसएम का गठन किया था। कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद कृषि आंदोलन समाप्त हो गया था। बाद में, इस नए किसान राजनीतिक मोर्चे में संगठन 22 से घटकर सिर्फ 13 रह गए।
किसान मोर्चा ने राज्य में 94 प्रत्याशी उतारे थे लेकिन 93 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। राजेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान, लोगों को स्पष्ट हो गया कि उन्हें पुरानी पार्टियों को बदलने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव में हमें प्रचार करने और जनता तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय मिला। हमने 25 दिसंबर, 2021 को एसएसएम का गठन किया और इसलिए वोट नहीं मिल सके। एसएसएम का अस्तित्व बना रहेगा लेकिन हमें अभी भविष्य में इसकी बड़ी भूमिका के बारे में फैसला करना है। राजेवाल ने कहा कि पानी का मुद्दा बीकेयू (राजेवाल) के जरिए उठाया जाएगा। जिसके लिए मैंने 52 साल पहले काम करना शुरू किया था।
देश से और खबरें
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अपने निलंबन के बारे में बात करते हुए राजेवाल ने कहा, मैं अकेला नेता नहीं हूं जिसने चुनाव लड़ा था। …योगेंद्र यादव की अपनी पार्टी है, राकेश टिकैत ने पहले भी चुनाव लड़ा था, हन्नान मुल्ला एक पूर्व सांसद हैं और अभी भी सीपीएम के सदस्य हैं… फिर ऐसी शर्तें मुझ पर क्यों लागू की जाएं। हमारी बातचीत जारी है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। मैंने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। कुछ ताकतें मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

इंडिया गठबंधन से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें