संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पहले ही दिन कृषि क़ानूनों को रद्द करने का बिल लोकसभा में रखा और यह पास हो गया। इसके बाद तोमर ने इसे राज्यसभा में रखा और यहां भी यह पास हो गया। बीते बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में इन क़ानूनों को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। इन क़ानूनों का किसानों और विपक्ष ने जोरदार विरोध किया था और आख़िरकार सरकार को इस मुद्दे पर बैकफ़ुट पर आना ही पड़ा।
लोकसभा और राज्यसभा में सदन का कामकाज शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया और इस वजह से दोनों सदनों को बीच-बीच में कई बार स्थगित करना पड़ा। हंगामा जारी रहने पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि कोई भी सांसद कृषि क़ानूनों को रद्द करने वाले बिल के विरोध में नहीं है और सभी इसका स्वागत करते हैं।
हालांकि केंद्र सरकार ने संसद में कृषि क़ानून वापस ले लिए हैं लेकिन किसानों ने कहा है कि वे एमएसपी सहित बाकी मांगों के पूरा होने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले स्पीकर ओम बिड़ला ने तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाक़ात की। प्रधानमंत्री मोदी भी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से मिले और सत्र को लेकर चर्चा की। कांग्रेस के सांसदों ने गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। राहुल और सोनिया गांधी ने इसमें हिस्सा लिया। कांग्रेस ने विपक्षी दलों का बैठक बुलाई और इसमें संसद सत्र में रणनीति को लेकर चर्चा की। टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने इसमें भाग नहीं लिया।
बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सांसदों को सदन में हाज़िर रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इससे पहले रविवार को सवर्दलीय बैठक भी हुई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें भाग नहीं लिया।
क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाएगी सरकार
कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए बिल लाने के अलावा सरकार 25 और बिलों को सदन में रखने जा रही है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लाया जाने वाला बिल भी शामिल है। इस बिल का नाम Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कई मंत्रालयों के और आरबीआई के अफ़सरों के साथ बैठक की थी।
व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षा बिल
इसके अलावा व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षा बिल, 2019 को लेकर भी खासा हंगामा हो सकता है। इस बिल को 2019 में भी लाया गया था और तब इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था। समिति ने इसे लेकर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। यह बिल केंद्र सरकार को बेलगाम ताक़त देता है।
इसके अनुच्छेद 35 के अनुसार सरकार की एजेन्सियां ‘शांति और व्यवस्था’, ‘संप्रभुता’, ‘राज्य की सुरक्षा’ के बहाने किसी भी व्यक्ति या संगठन की जासूसी कर सकती हैं और किसी को भी कोई आपत्ति करने का अधिकार नहीं होगा।
इसके अलावा राज्यसभा में भी कई बिल सरकार लाने जा रही है। संसद का यह सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा।
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