विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी की उस बात का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने की बात कही थी। राहुल गांधी ने मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि हमारे निहत्थे जवानों को वहां शहीद होने क्यों भेजा गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा था कि चीन ने हमारे निहत्थे जवानों को मारने की जुर्रत कैसे की?
जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘सीमा पर ड्यूटी के दौरान सभी जवान अपने पास हथियार रखते हैं, विशेषकर जब वे चौकी छोड़ रहे होते हैं। 15 जून को गलवान में मौजूद सैनिकों के पास भी हथियार थे।’ उन्होंने आगे कहा कि 1996 और 2005 के समझौतों के अनुसार यह लंबी परंपरा रही है कि आमने-सामने होने के दौरान सैनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
इससे पहले बुधवार शाम को राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्विटर पर घेरते हुए कई सवाल पूछे थे। राहुल ने राजनाथ सिंह के लद्दाख में जवानों की शहादत पर दुख जताने वाले ट्वीट के जवाब में पूछा था, ‘अगर भारतीय जवानों का शहीद होना पीड़ादायक है तो आपने अपने ट्वीट में चीन का नाम क्यों नहीं लिया है। आपको सांत्वना व्यक्त करने में 2 दिन क्यों लगे? जब जवान शहीद हो रहे हैं तो आप चुनावी रैलियां क्यों कर रहे हैं।’
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह से पूछा था कि वे क्रोनी मीडिया का सहारा लेकर सेना पर क्यों दोष मढ़ रहे हैं और क्यों छिप रहे हैं। उन्होंने मीडिया के एक वर्ग पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा था कि पेड मीडिया भारत सरकार के बजाय सेना को क्यों दोष दे रहा है?
इससे पहले भी भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर राजनाथ सिंह से पूछा था कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है? राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी तंज कसा था, जिसमें उन्होंने भारत की सीमाओं की रक्षा करने का दावा किया था।
शाह ने कुछ दिनों पहले हुई बीजेपी की वर्चुअल रैली में भाषण के दौरान कहा था, ‘भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर स्वीकृति मिली है। पूरी दुनिया जानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद अगर कोई देश है, जो अपनी सीमाओं की रक्षा कर सकता है तो वह भारत है।’
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