2014 का चुनाव
2014 में आठ एग्जिट पोल में कहा गया था कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 283 सीटें जीतेगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए को 105 सीटें मिलेंगी। एग्जिट पोल 2014 में 'मोदी लहर' का अनुमान लगाने में नाकाम रहे। एनडीए को 336 सीटें मिलीं और यूपीए को महज 60 सीटें मिलीं। पार्टी के रूप में भाजपा ने 282 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थीं। इस एग्जिट पोल में न्यूज 24 चाणक्य ने एनडीए को 340 सीटें और यूपीए को 70 सीटें दी थीं। इंडिया टीवी सी वोटर ने एनडीए को 289 और यूपीए को 101 सीटें दी थीं। टाइम्स नाउ ओआरजी ने एनडीए को 249 और यूपीए को 148 सीटें दी थीं। कुल मिलाकर सभी एग्जिट पोल के सर्वे में एनडीए के खाते में 53 और यूपीए के खाते में 45 सीटों का अंतर था। यानी कोई भी एग्जिट पोल सही नहीं था। लेकिन सभी ने नतीजों के दिन दावा किया कि उनकी भविष्यवाणी सही थी।
2019 में भी एग्जिट पोल गलत साबितः 2019 यानी पिछले आम चुनाव में भी एग्जिट पोल पूरी तरह गलत साबित हुए।करीब 13 एग्जिट पोल ने एनडीए की कुल संख्या 306 और यूपीए की 120 बताई। लेकिन एनडीए ने कुल 353 सीटें जीतीं। यूपीए को 93 सीटें मिलीं। इनमें से बीजेपी को 303 और कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं। इस एग्जिट पोल में न्यूज 24 चाणक्य ने एनडीए को 350 सीटें और यूपीए को 95 सीटें दी थीं। इंडिया टीवी सीएनएक्स ने एनडीए को 300 और यूपीए को 120 सीटें दी थीं। टाइम्स नाउ वीएमआर ने एनडीए को 306 और यूपीए को 132 सीटें दी थीं। एबीपी सीएसडीएस ने एनडीए को 277 और यूपीए को 130 सीटें दी थीं। हालांकि सीएसडीएस को काफी विश्सनीय माना जाता है। सी वोटर ने एनडीए को 287 और यूपीए को 128 सीटें दी थीं। कुल मिलाकर सभी एग्जिट पोल के सर्वे में एनडीए के खाते में 47 और यूपीए के खाते में 27 सीटों का अंतर था। यानी कोई भी एग्जिट पोल सही नहीं था। लेकिन सभी ने नतीजों के दिन दावा किया कि उनकी भविष्यवाणी सही थी।
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