चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए वोटों की संख्या पर लोकसभा क्षेत्र-वार डेटा जारी किया और दावा किया कि चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियां और शरारती नेरैटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें एक पैटर्न दिखता है। सुप्रीम कोर्ट ने सारी चीजें साफ कर दी हैं। चुनाव आयोग भी किसी मौके पर सारी बातों को साफ कर देगा।
Commission releases absolute number of voters for all completed phases of General Elections 2024
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) May 25, 2024
Details :https://t.co/z0QVHGM41Z
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने हर संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल करने के लिए मतदान डेटा के प्रारूप का और विस्तार करने का निर्णय लिया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि कुल मतदाताओं के लिए मतदान प्रतिशत को लागू करके सभी नागरिकों द्वारा संसदीय क्षेत्र के अनुसार पूर्ण संख्या देखी जा सकती हैं, दोनों पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं।
दरअसल, विपक्षी दल और तमाम जन संगठन हर चरण में मतदाताओं की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। जबकि चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत जारी कर रहा था। चुनाव आयोग का कहना है कि सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास फॉर्म 17सी है, जो 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्रों में से प्रत्येक पर डाले गए वोटों की कुल संख्या दर्ज करता है। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों की कुल संख्या में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि वे सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के पास उपलब्ध हैं।
अपनी राय बतायें