केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस के जरिए निर्देश दिया है कि वे अपनी पार्टी के स्टार प्रचारकों के भाषण को संयमित कराएं। स्टार प्रचारकों को भाषण में सावधानी बरतने के लिए औपचारिक नोट जारी करें। चुनाव आयोग ने अभी तक पहली बार इस तरह का कड़ा निर्देश जारी किया है। हालांकि अभी तक पांच चरणों की मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और दो चरण बाकी है।
चुनाव आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लिया है। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों को अपने प्रचार अभियान में धार्मिक और सांप्रदायिक स्वरों से परहेज करने का निर्देश दिया है। बता दें कि पिछले पांच चरणों में इतने साम्प्रदायिक भाषण हुए लेकिन चुनाव आयोग चुप रहा। इंडियन एक्सप्रेस, सत्य हिन्दी ने लगातार बताया है कि पीएम मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं के भाषण किस तरह साम्प्रदायिक होते जा रहे हैं। इन भाषणों में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया।
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हालांकि चुनाव आयोग का बुधवार का निर्देश पहले के मुकाबले मामूली सख्ती वाला है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चुनाव आयोग ने बुधवार को भाजपा से उन भाषणों को रोकने के लिए कहा है जिनसे समाज में विभाजन हो सकता है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणा देते हों जैसे कि भारत के संविधान को समाप्त किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। .
आयोग ने अग्निवीर योजना का खासतौर पर अपने निर्देश में जिक्र किया है। उसका यह जिक्र चालाकीभरा है। क्योंकि कांग्रेस, सपा, आरजेडी ने स्पष्ट कहा है कि सत्ता में आने पर अग्निवीर योजना को खत्म कर दिया जाएगा। इससे भाजपा परेशान है। अब चुनाव आयोग ने अपने निर्देश में कांग्रेस के प्रचारकों और उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा है। आयोग ने पाया है कि भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश एक स्थायी संरक्षण है और इसे चुनावों का शिकार नहीं बनाया जा सकता है। हालांकि चुनाव आयोग ने तो निर्देश में अग्निवीर योजना का नाम लिया लेकिन समाज में विभाजन करने वाले भाषण के निर्देश में उसने यही बात भाजपा को संबोधित करते हुए नहीं कही कि उसके स्टार प्रचारक मोदी हिन्दू-मुसलमान न करें।
एएनआई के मुताबिक चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि भारतीय मतदाताओं के पास चुनावी विरासत का जो अनुभव है, उसे कमजोर करने की अनुमति भाजपा और कांग्रेस को नहीं दी जाएगी। चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और उनके बचाव को भी खारिज कर दिया है। आयोग ने बताया है कि चुनाव के समय सत्ता में रहने वाली पार्टी के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी होनी चाहिए और कहा है कि विपक्ष के लिए भी कोई असीमित अतिरिक्त जगह नहीं होनी चाहिए।
चुनाव आयोग के ये सारे निर्देश आंखों में धूल झोंकने के लिए है। उससे उम्मीद की जा रही थी कि वो मतदान प्रतिशत देर से जारी करने पर माफी मांगेगा और ठीक करने की बात कहेगा। वो हर मतदान बूथ का वोट प्रतिशत बताने का वादा करेगा। वो भाजपा को उसके साम्प्रदायिक बयानों के लिए कुछ न कुछ दंड का प्रावधान करेगा। चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिलने के बावजूद ईवीएम को लेकर जिस तरह जनसंगठन और जनता सवाल उठा रही है, उस पर चुनाव आयोग ने जरा भी शर्मिंदगी नहीं दिखाई है या सफाई नहीं दी है कि वो ईवीएम को पारदर्शी बनाने के लिए और क्या कदम उठा रहा है। कुल मिलाकर चुनाव आयोग के आज के निर्देश अगले दो चरणों में कितने प्रभावी रहेंगे, इसका पता जल्द ही चल जाएगा।
मतदान के अगले दो दौर 25 मई और 1 जून को होंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं, 19 अप्रैल से 1 जून तक छह सप्ताह की मैराथन दौड़ के बाद नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
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