राहुल की पेशी से पहले जमकर हंगामा भी हुआ। राहुल गांधी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ ईडी के दफ्तर पहुंचे। उनके साथ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, पी. चिदंबरम सहित तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कांग्रेस ने सोमवार को अपने तमाम आला नेताओं को पार्टी के मुख्यालय में बुलाया था और वहां से मार्च निकाला गया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मार्च से पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की।
दिल्ली पुलिस ने रविवार रात को ही मार्च को निकाले जाने पर रोक लगा दी थी। पुलिस ने इसके पीछे कानून और व्यवस्था और कुछ अन्य वजहों का हवाला दिया था। कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी लेकिन पुलिस ने अपना फैसला नहीं बदला।
इसके बाद कांग्रेस ने फैसला लिया कि वह दिल्ली सहित देश के कई शहरों में सोमवार को प्रदर्शन करेगी।
प्रियंका पहुंचीं पुलिस थाने
इस दौरान कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें तुगलक रोड थाने में ले जाया गया। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित तमाम नेता इन कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने तुगलक रोड थाने में पहुंचे। कांग्रेस की ओर से तुगलक रोड थाने में जमकर प्रदर्शन किया गया।
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‘हर हाल में निकालेंगे मार्च’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता और झुकाया भी नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पुलिस के हजारों नाके लगाकर केंद्रीय दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्याग्रह से मोदी सरकार की चूलें हिल गई हैं। उन्होंने कहा था कि मार्च हर हाल में निकाला जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सांसद राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पेशी के लिए ईडी ने बुलाया था। सोनिया गांधी बीते दिनों कोरोना से संक्रमित हो गई थीं जबकि राहुल गांधी विदेश में थे।
इसलिए राहुल गांधी को ईडी की ओर से नया समन जारी कर 13 जून को जांच एजेंसी के सामने बुलाया गया था जबकि सोनिया से 23 जून को आने के लिए कहा गया था। कोरोना से संक्रमित होने की वजह से सोनिया सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं।
कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सभी राज्य इकाइयों से कहा गया है कि वे ईडी के द्वारा सोनिया व राहुल गांधी को भेजे गए समन के खिलाफ अभियान चलाएं।
आरोप पूरी तरह फर्जी: कांग्रेस
कांग्रेस ने ईडी के द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह फर्जी और बेबुनियाद बताया है और इसे बीजेपी के द्वारा की जा रही बदले की राजनीति करार दिया है।
तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हैं।
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।
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