ईडी ने अब उत्तराखंड कांग्रेस के नेता हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापे मारे हैं। वह 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में आए थे। ईडी ने यह कार्रवाई कथित वन घोटाला मामले में बुधवार को पूर्व मंत्री रहे हरक सिंह रावत के खिलाफ की। ईडी की कई टीमों ने इस मामले में दिल्ली, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में 17 स्थानों पर छापेमारी की।
समझा जाता है कि ईडी की जांच राज्य के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कथित अवैध गतिविधियों से जुड़ी हुई है। रावत ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी। 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के कारण छह साल के लिए राज्य मंत्रिमंडल और भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उनको बर्खास्त किया गया था। इसके बाद ही हरक सिंह रावत 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद को 2021 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग के पाखरो और मोरघट्टी वन क्षेत्र में बाघ सफारी के निर्माण सहित विभिन्न अवैध गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
शीर्ष अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने पाखरो और मोरघट्टी वन क्षेत्रों में बाघ सफारी और अन्य अवैध परियोजनाओं के संबंध में निर्माण गतिविधियों के लिए हरक सिंह रावत और किशन चंद को दोषी ठहराया। इसने उत्तराखंड सतर्कता विभाग को अनियमितताओं में शामिल वन अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रखने के लिए हरी झंडी भी दे दी थी।
पाखरो टाइगर रिजर्व का विकास रावत की पसंदीदा परियोजना थी जब वह तत्कालीन भाजपा सरकार में वन मंत्री थे।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के आरोपों के बाद अक्टूबर 2021 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानी एनटीसीए और दिसंबर 2021 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार निरीक्षण में कंडी रोड के निर्माण, मोरघाटी और पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में घरों और पाखरो वन विश्राम गृह के पास एक जल निकाय के निर्माण में अनियमितताएं पाई गईं। पाखरो में प्रस्तावित बाघ सफारी के लिए पेड़ों की कटाई को भी अवैध पाया गया।
अगस्त 2023 में उत्तराखंड सतर्कता विभाग की टीमों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के कौलागढ़ टाइगर रिजर्व में पाखरो सफारी के निर्माण में कथित अनियमितताओं के मामले में रावत के बेटे के स्वामित्व वाले एक मेडिकल कॉलेज और एक पेट्रोल पंप पर छापा मारा था।
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि विजिलेंस ने शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और अमरावती पेट्रोल पंप से दो जनरेटर जब्त किए। आरोप था कि ये दोनों जेनरेटर सरकारी पैसे से खरीदे गये थे और दोनों प्रतिष्ठानों पर लगाये गये थे। हालाँकि, मीडिया से बात करते हुए रावत ने तब दावा किया था कि जनवरी 2022 में एक पत्र लिखकर वन विभाग से उन जनरेटरों को लेने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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