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छत्तीसगढ़: सीएम बघेल के करीबी अफसरों के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

जांच एजेंसी ईडी ने मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी अफसरों, कांग्रेस नेताओं, और व्यवसायियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति की जांच के मामले में की गई है। इस दौरान रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा और अन्य जिलों में कई ठिकानों को खंगाला गया है।

ईडी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात उप सचिव सौम्या चौरसिया के दुर्ग जिले के आवास, सीए विजय मालू के देवेंद्र नगर, रायगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आवास के साथ ही महासमुंद और रायपुर में छापेमारी की है। 

महासमुंद जिले में कई राजनेताओं और व्यवसायियों के ठिकानों पर जांच एजेंसी की टीम पहुंची। पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत तिवारी, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी, रियल एस्टेट व्यवसायी सनी लुनिया भी जांच एजेंसी के रडार पर हैं। 

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डराने धमकाने की कोशिश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस छापेमारी को लेकर कहा है कि बीजेपी कांग्रेस से सीधे नहीं लड़ सकती इसलिए वह जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा है कि यह एजेंसियां फिर से छापेमारी की कार्रवाई करेंगी और चुनाव के नजदीक आने तक इस तरह की कार्रवाई बढ़ती जाएगी।  उन्होंने कहा कि डराने धमकाने के सिवाय इसका कोई मतलब नहीं है। छत्तीसगढ़ में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

इंडिया टुडे के मुताबिक, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि बीजेपी आगे भी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह की कार्रवाई से नहीं डरती, हम बीजेपी से लड़ाई लड़ते रहेंगे और जनता के सामने उनका पर्दाफाश करेंगे। 

छत्तीसगढ़ में पिछले महीने भी आयकर विभाग ने स्टील और कोयले के व्यवसायियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग ने इस साल जून और जुलाई में कोयले के व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दफ्तर में तैनात एक अफसर के ठिकानों पर छापेमारी की थी। 

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लगाए थे गंभीर आरोप 

याद दिलाना होगा कि इस साल जुलाई में सूर्यकांत तिवारी ने आरोप लगाया था कि आयकर विभाग के अफसरों ने उनसे कहा था कि यदि वह सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। तब सूर्यकांत तिवारी का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग की तलाशी के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक सरकारी अफसर को गलत बयान देकर फंसाने से इंकार कर दिया था। 

उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया था। 

विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।

ताबड़तोड़ छापेमारी

सितंबर में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में की गई थी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी लगातार दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में छापेमारी कर रही है। 

ED raids Chhattisgarh officials CM Bhupesh Baghel in DA case - Satya Hindi
सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था।
कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद संजय राउत व उनके करीबियों के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई, एनसीपी के बड़े नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी बवाल हुआ था। 

एजेंसियों का गलत इस्तेमाल?

ऐसे में वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का गलत इस्तेमाल हो रहा है। पिछले आठ सालों में जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों पर छापेमारी कर रही हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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