मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे एक्टिविस्ट हर्ष मंदर से जुड़े तीन जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छापे मारे हैं। रिपोर्ट है कि यह छापेमारी गुरुवार सुबह तब की गई जब कुछ घंटे पहले ही हर्ष मंदर जर्मनी चले गए। अभी तक यह साफ़ नहीं है कि किस मामले में यह कार्रवाई की गई है। हर्ष मंदर का भी अभी तक इस पर बयान नहीं आया है।
दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज में मंदर के घर और अदचीनी में उनके कार्यालयों पर छापे मारे गए। इसके अलावा शहर के महरौली क्षेत्र में मंदर द्वारा संचालित दो आश्रय गृहों-उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम पर भी छापे मारे गए हैं।
हर्ष मंदर सामाजिक मुद्दों पर काफ़ी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने दिल्ली दंगों में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी। बाद में पुलिस ने उस हिंसा में शामिल होने का आरोप हर्ष मंदर पर ही लगा दिया था।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा की चार्जशीट में हर्ष मंदर का नाम भी जोड़ा दिया था। हर्ष मंदर पर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाने का आरोप लगा था। यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने दिल्ली हिंसा की साज़िश रची थी।
दरअसल, पिछले दो दशक में हर्ष मंदर की छवि अल्पसंख्यक समर्थक की बन गई है। ख़ासकर गुजरात जनसंहार के समय से बहुसंख्यकवादी हिंसा के शिकार मुसलमानों के लिए और उनके साथ उन्होंने जो काम किया है, उसके कारण उनके ख़िलाफ़ घृणा का प्रचार किया गया है।
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