डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक को मुंबई पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते यानी एटीएस ने गिरफ्तार किया है। वह वैज्ञानिक पुणे में डीआरडीओ की एक फ़ैसिलिटी में काम कर रहे थे। आरोप है कि वह हनीट्रैप के शिकार हुए। एटीएस ने कहा है कि वैज्ञानिक को व्हाट्सएप संदेशों, वॉयस कॉल और वीडियो के ज़रिए सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के गुर्गों के संपर्क में पाया गया था।
एटीएस ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद डीआरडीओ के अधिकारी ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया। इससे संवेदनशील सरकारी सीक्रेट जानकारी ख़तरे में पड़ी। यह दुश्मन देश के हाथों में पड़ने पर भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा कर सकता था। एटीएस ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 1923 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जांच चल रही है।
महाराष्ट्र एटीएस ने 60 वर्षीय प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कुरुलकर पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ की एक प्रमुख फैसिलिटी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) के निदेशक हैं। वह कथित रूप से हनीट्रैप के एक संदिग्ध मामले में पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों के साथ संपर्क में थे।
कुरुलकर ने कई मिसाइलों सहित डीआरडीओ की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई परियोजनाओं पर काम किया है। उनके खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा, 'यह मुख्य रूप से हनीट्रैप का मामला लगता है जिसमें वरिष्ठ वैज्ञानिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की तस्वीरें उपयोग करने वाले हैंडल में फँसने के बाद पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों के संपर्क में आए। वह पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से वॉयस मैसेज और वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान स्थित ऑपरेटिव के संपर्क में थे और संदेह है कि उन्होंने ऑपरेटिव के साथ कुछ संवेदनशील जानकारी साझा की थी।'
डीआरडीओ की वेबसाइट पर कुरुलकर की प्रोफ़ाइल उन्हें 'टीम लीडर और लीड डिज़ाइनर' के रूप में बताती है। उन्होंने कई मिसाइल लॉन्चर्स में एक प्रमुख और अग्रणी भूमिका निभाई है।
अपनी राय बतायें