इस साल फ़रवरी के महीने में ‘नमस्ते ट्रंप’ नाम से गुजरात के अहमदाबाद में जोरदार कार्यक्रम हुआ। ‘नमस्ते ट्रंप’ नाम से जाहिर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के भारत आने पर उनके स्वागत में यह कार्यक्रम किया गया था। इसमें भारतीय वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी और ट्रंप को गलबहियां करते, एक-दूसरे का हाथ पकड़कर लोगों का अभिवादन करते हुए दिखाया गया।
इसके जरिये यह साबित करने की कोशिश की गई कि दुनिया का सबसे ताक़तवर मुल्क़ अमेरिका का राष्ट्रपति मोदी जी का ‘परम मित्र’ है। मोदी ख़ुद कई बार ट्रंप से बेहतर रिश्ते होने की बात कह चुके हैं।
लेकिन यही ट्रंप कई मौक़ों पर मोदी जी को शर्मसार करते नज़र आए हैं। ताज़ा वाक़ये में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को बखिया उधेड़ दी है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान एक डिबेट में ट्रंप ने कहा कि भारत की हवा ख़राब है।
ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आयोजित डिबेट के दौरान कहा, ‘चीन को देखो, रूस को देखो, भारत को देखो, इनकी हवा कितनी ख़राब है।’ ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब उनकी सरकार के दो आला मंत्री दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने भारत के दौरे पर आने वाले हैं।
इससे पहले एक डिबेट में ट्रंप ने भारत में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि आप नहीं जानते कि भारत में कितने लोगों की मौत इस महामारी से हुई है क्योंकि वे आपको सही आंकड़े नहीं बताते।
कोरोना संक्रमण के दौरान इस साल अप्रैल में ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि उसने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति नहीं की तो वॉशिंगटन उसके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेगा।
मोदी को किया अनफॉलो
इसके कुछ दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल 'द ह्वाइट हाउस' ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनफॉलो कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों एक-दूसरे को 'परम मित्र' कहते रहे हैं और ऐसे में अमेरिका के इस क़दम से लोगों को हैरानी हुई थी।
‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में आने से पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत दोतरफा व्यापार में अमेरिका को बराबरी का दर्ज नहीं देता है, इसलिए वे घोषणा करते हैं कि विकासशील देशों को मिलने वाली छूट 5 जून से भारत को नहीं मिलेगी।
नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन शुरू में चुप रहा, उसके अधिकारियों ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। लेकिन उसके बाद ट्रंप प्रशासन ने भारत के हालात पर चिंता भी जताई।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप को उम्मीद है कि भारतीय उनका समर्थन करेंगे और यह उम्मीद प्रधानमंत्री मोदी के भरोसे ही है। लेकिन दूसरी ओर वे खुलकर कह रहे हैं कि भारत की हवा ख़राब है। यह बयान देकर उन्होंने मोदी के स्वच्छता मिशन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
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