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ट्रंप ने उठाया इसलामी आतंकवाद का मुद्दा

अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में भाषण करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इसलामी आतंकवाद का मुद्दे ज़ोरों से उठाया। उन्होंने कहा कि उनका देश इसलामी आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी ऐसी ताकतों से लड़ता रहेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अमेरिका ने इसलामिक स्टेट को ख़त्म कर दिया है और इसके सरगना बग़दादी को मार गिराया है। ट्रंप ने इस मामले में भारत को पूरा समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। 
ट्रंप ने कहा: 

'दोनों ही देश इसलामी आतंकवाद से अपने नागरिकों से बचाने के लिए एकजुट हैं। हमारे प्रशासन ने आईएसआईएस के खून के प्यासे लोगों के ख़िलाफ़ ज़ोरदार मुहिम चलाई और पूरी ताक़त झोंक दी। इसलामी आतंकवाद की ख़िलाफ़त पूरी तरह नष्ट की जा चुकी है। दुष्ट अल बग़दादी मारा जा चुका है।'


डोनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

ग़ौर करने की बात यह है कि ट्रंप ने जिस समय यह कहा है उसके कुछ दिन बाद ही यानी 29 फरवरी को अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान से एक शांति समझौते पर दस्तख़त करने को है। इस समझौते के बाद अमेरिका अपने कुछ सैनिकों को वापस बुला लेगा। अमेरिका तालिबान को इसलामी आतंकवाद ही मानता रहा है। जिस समय अमेरिकी राष्ट्रपति इसलामी आतंकवाद से लड़ने की बात कर रहे हैं, उसी समय वह वहाँ उन्हीं तत्वों से समझौता भी करने जा रहे हैं। 
डोनल्ड ट्रंप ने मोटेरा स्टेडियम में कहा कि पाकिस्तान के साथ उनके देश के रिश्ते अच्छे हैं। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि भारत समेत हर देश को अपनी सीमाओं की रक्षा करना का हक है और हम इसका समर्थन करते हैं। 
ट्रंप ने कहा कि मैं हर भारतीय, वह चाहे हिन्दू हो या मुसलमान, ईसाई हो या यहूदी, मैं सबसे कहना चाहता हूं कि आपको अपनी परंपरा, अपने इतिहास और अपने मूल्यों पर गौरव करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की बहुत ही समृद्धि धर्मनिरपेक्ष परंपरा रही है, यहां स्वर्ण मंदिर है तो जामा मसजिद भी है। ट्रंप ने कहा कि यह भारत की विविधता को दिखाता है और भारतीयों को इसे बरकरार रखना चाहिए। 
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क़मर वहीद नक़वी
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