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आईआईटी मंडी के निदेशक ने लैंडस्लाइड का कारण मांस खाना बताया 

हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित आईआईटी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने लैंडस्लाइड का कारण प्रदेश में जानवरों को काटा जाना और मांस खाना बताया है।
उनके कहा है कि निर्दोष जानवरों को काटना बंद करना होगा। उन्होंने छात्रों को कहा कि अच्छा इंसान बनने के लिए आपको मांस खाना बंद करना होगा। 
मांस खाने के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। मांस खाने और लैंडस्लाइड होने के बीच के संबंध को उन्होंने पर्यावरण से जोड़ कर छात्रों के बताया है। 
लैंडस्लाइड का यह कारण बताता उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। हालांकि यह कब और कहां का है इसकी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। 
इस वायरल वीडियो के सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग इस बात पर टिप्पणियां कर रहे हैं और उनपर सवाल उठा रहे हैं। 

छात्रों से मांस न खाने का संकल्प लेने को कहा

इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने छात्रों से मांस न खाने का संकल्प लेने को कहा है। उन्होंने यह दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाएं जानवरों पर क्रूरता के कारण हो रही हैं। 
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उनके इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है कि अगर जानवरों को काटना बंद नहीं किया गया तो हिमाचल प्रदेश का भारी पतन होगा। आप निर्दोष जानवरों को काट रहे हैं। इसका पर्यावरण के क्षरण के साथ भी सहजीवी संबंध है। जिसे आप अभी देख नहीं सकते लेकिन यह है। 

आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "बार-बार भूस्खलन, बादल फटना और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सभी जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है। 

इसमें बताया गया है कि उन्होंने छात्रों से पूछा कि अच्छा इंसान बनने के लिए आपको क्या करना होगा? मांस खाने से मना करें, उन्होंने छात्रों से मांस न खाने की कसम खाने को कहा। 
इस वायरल वीडियो को लेकर खबर लिखे जाने तक आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा की कोई कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
दूसरी ओर उनकी इन टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा है। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं वहीं एक बड़ा तबका इसे अंधविश्वास फैलाने वाली टिप्पणी बता कर इसकी निंदा कर रहा है।  
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लैंडस्लाइड के कारण दिखा था तबाही का मंजर

बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड के कारण तबाही का भीषण मंजर दिखा था। इस हिमालयी राज्य में बारिश, बादल फटने और लैंडस्लाइड ने मिलकर भारी तबाही मचाई है। मध्य अगस्त में लगातार लैंडस्लाइड के कारण कई विशाल मकान ताश के पत्ते की तरह टूट कर गिरते देखे गए थे। 
भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण हिमाचल प्रदेश में दर्जनों लोगों की जान चली गई है। एक अनुमान के कारण करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान राज्य को इसके कारण हुआ है। राजधानी शिमला के स्कूल -  कॉलेजों को मध्य अगस्त में इस प्राकृतिक आपदा के कारण बंद करना पड़ा था।  
राज्य में पर्यटकों की आवाजाही बंद सी हो गई थी। केंद्र व राज्य सरकार ने इस तबाही के कारणों को जानने के लिए अलग - अलग स्तर पर कई समितियां गठित की हैं। लैंडस्लाइड के कारणों के वैज्ञानिक प्रमाण जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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