दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को केंद्रीय जाँच ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की याचिका पर फ़ैसला सुनाएगा। अस्थाना ने अपने ऊपर लगे घूसखोरी के आरोपों के तहत दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की अपील की है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 20 दिसंबर को ही पूरी कर ली।
जस्टिस नज़मी वज़ीरी की अदालत में अस्थाना के अलावा अतिरिक्त पुलिस सुपरिटेडेंट एस. एस. गुरम और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद की याचिकाओं पर भी निर्णय सुनाएंगी। हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू सना ने भी याचिका दायर की थी कि उनकी बातें भी सुनी जाएँ। उनकी शिकायत के आधार पर ही सीबीआई के विशेष निदेशक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अस्थाना को घूस दी थी। अस्थाना ने यह अर्ज़ी भी गुरुवार को दी थी कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और फिर से तबादला किए गए दूसरे अफसरों को उनके मामलों की जाँच करने से रोका जाए। अदालत को इस पर भी फ़ैसला सुनाना है। लेकिन, सरकार ने गुरुवार की शाम वर्मा का तबादला सीबीआई से कर दिया। इस बीच सीबीआई के उप महानिदेशक एम. के. सिन्हा ने ख़ुद को अस्थाना मामले की जाँच से अलग कर लिया।
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