कोरोना संक्रमण के बेतहाशा बढ़ रहे मामलों के बीच दिल्ली और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि क्या दिल्ली में एक और लॉकडाउन लगाने की योजना बन रही है लेकिन ऐसी कोई योजना नहीं है।’ दिल्ली में अब तक संक्रमण के 41 हज़ार से ज़्यादा मामले हो चुके हैं और 1,327 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी सोमवार को साफ कहा है कि उनकी सरकार की राज्य में फिर से लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है। रुपाणी ने कहा है कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के साथ ही लोग इसके साथ जीना भी सीख रहे हैं। गुजरात में अब तक 23,590 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और 1,478 लोगों की मौत हो चुकी है।
ये तो हुई भारत की बात, जहां कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में शुमार सूबों के मुख्यमंत्री लॉकडाउन को बढ़ाने से इनकार कर चुके हैं लेकिन इसके उलट अमेरिका और चीन में संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन को सख़्त करने पर जोर दिया जा रहा है।
दिल्ली और गुजरात में अब लॉकडाउन नहीं लगाने के पीछे शायद आर्थिक कारण हो सकते हैं। क्योंकि केजरीवाल सरकार लॉकडाउन के दौरान ही कह चुकी है कि उसके पास कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं जबकि गुजरात सरकार दो महीने में ही 5 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ ले चुकी है।
अमेरिका में विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोरोना वायरस के कारण निकट भविष्य में हालात और ख़राब हो सकते हैं। इसे देखते हुए न्यूयॉर्क और टेक्सास में फिर से सख़्त लॉकडाउन लगाने की बात कही जा रही है।
विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीन के अभाव में लगभग 70 फ़ीसद लोगों को संक्रमित करने और उनके भीतर इम्यूनिटी पैदा करने की ज़रूरत होगी, इसे उन्होंने हर्ड इम्यूनिटी का नाम दिया है। अमेरिका में हालात बेहद ख़राब हैं। वहां 20 लाख से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 1 लाख 17 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका में और मौतें होने की आशंका जताई गई है। न्यूयार्क, मैनहैटन और ह्यूस्टन व कुछ अन्य जगहों पर लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, ऐसे में लॉकडाउन को फिर से लगाया जा सकता है।
सोमवार को चीन की राजधानी बीजिंग में कुछ जगहों को पूरी तरह बंद रखा गया। क्योंकि बीजिंग में पिछले चार दिनों में संक्रमण के 79 मामले सामने आए हैं और इसके बाद सरकार सतर्क हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बीजिंग ने तुरंत एक्शन लेकर सही काम किया है। चीन की मुख्य चिंता विदेशों से संक्रमित होकर लौट रहे लोगों को लेकर है।
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