ईडी के पाँच समन को नज़रअंदाज़ कर चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली की एक अदालत ने समन दिया है और 17 फरवरी को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है। ईडी ने केजरीवाल के ख़िलाफ़ अदालत से शिकायत की थी। मुख्यमंत्री को कथित शराब नीति मामले में जारी पांचवें समन को नजरअंदाज करने के लिए ईडी ने याचिका लगाई थी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की अदालत ने यह आदेश सुनाया। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने समन पर पेशन नहीं होने, धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए की धारा 50 और जांच में सहयोग नहीं करने के लिए सीआरपीसी की धारा 190 और 200 के तहत अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
कथित अवैध शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसी द्वारा पांच समन जारी करने के बाद ईडी ने 3 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
ईडी ने शराब नीति मामले में केजरीवाल से पूछताछ करने की मांग की है। दिल्ली के सीएम ने समन को अवैध बताया है। सीएम केजरीवाल ने समन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है। अदालत के समन के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह अभी फ़ैसले को पढ़ रही है और क़ानून के अनुसार क़दम उठाया जाएगा।
केजरीवाल को पहली बार अक्टूबर 2023 में ईडी ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए बुलाया था। इसके बाद 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को पेश होने के लिए समन दिया गया था। लेकिन उन्होंने अलग-अलग कारण बताते हुए ईडी के समन पेश नहीं हुए।
इस मामले में आप के तीन वरिष्ठ नेताओं- पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आप संचार प्रभारी विजय नायर को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
मनीष सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में और संजय सिंह को अक्टूबर में उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था जिस दिन उनसे पूछताछ की गई थी। आप ने पहले आरोप लगाया था कि ईडी अब केजरीवाल को भी इसी तरह से गिरफ्तार करना चाहती है।
केजरीवाल से पहले इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी। पिछले साल अप्रैल पूछताछ किए जाने के बाद भी वह अब तक आरोपी नहीं हैं। उन्होंने कहा था, 'सीबीआई ने 56 सवाल पूछे (लेकिन) सब कुछ फर्जी है। मुझे यकीन है कि उनके पास सबूत का एक भी टुकड़ा नहीं है।'
आप ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है। इसमें यह भी सवाल किया गया है कि ईडी किस हैसियत से सीएम को तलब कर रही है।
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