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किसानों में 'एकता' न होने पर डल्लेवाल 'नाराज', पूछा- मोर्चा क्यों नहीं बन पा रहा?

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसान संगठनों की एकता न होने से चिंतित हैं। उन्होंने अपने अनशन के 64वें दिन साफ कर दिया कि सरकार जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं कर देती, तब तक वह अपना अनशन जारी रखेंगे। खनौरी में मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने कहा कि वह 14 फरवरी को बातचीत के लिए सरकार की पेशकश के बाद सिर्फ मेडिकल मदद लेने के लिए राजी हुए हैं।

डल्लेवाल ने कहा कि अभी उनकी सेहत ऐसी नहीं है कि वो बातचीत के लिए व्यक्तिगत रूप से चंडीगढ़ जाएं। उन्होंने कहा कि “मैं देशभर के किसान समुदाय से 12 फरवरी को खनौरी सीमा पर आने का आग्रह करता हूं क्योंकि हम अपने विरोध की सालगिरह मना रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि विशाल सभा मुझे फिर से ताकत देगी और मुझे बातचीत के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की ताकत देगी।”

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उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा की सफलता और सरकार को किसानों की मांगें मानने की सद्बुद्धि देने के लिए यहां पर अखंड पाठ किया जा रहा है।

किसान एकता पर डल्लेवाल ने कहा कि “एसकेएम (ऑल इंडिया) नेता मोगा में किसान महापंचायत के बाद "एकता" के संकल्प के साथ खनौरी आए थे। अगर कोई प्रस्ताव पारित हो गया और लोगों ने उसका समर्थन किया तो बाधा क्या है? ...हम जीत की ओर बढ़ रहे हैं और केवल एक धक्के की जरूरत है। मुझे समझ नहीं आता कि संयुक्त मोर्चा बनने में इतना समय क्यों लग रहा है। कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। मैं उन बैठकों में नहीं गया, इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है।''

डल्लेवाल ने कहा कि ज्यादा बैठकें अच्छी नहीं हैं। जनता की भावना है कि हमें मिलकर लड़ना चाहिए। वे मुझे नहीं बताते कि वहां क्या हो रहा है। मुझे उन बैठकों के बारे में बहुत जानकारी नहीं है।

अब तक, एसकेएम ऑल इंडिया नेताओं के पैनल के बीच 13 जनवरी और 18 जनवरी को दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें एसकेएम गैर-राजनीतिक और किसान मजदूर के संयुक्त मंच के साथ जोगिंदर सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल और डॉ. दर्शन पाल शामिल थे। मोर्चा नेता सरवन सिंह पंधेर, मंजीत राय, काका सिंह कोटड़ा और अभिमन्यु कोहाड़ ने नेतृत्व किया।

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क़मर वहीद नक़वी
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