केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ दल बीजेपी के प्रवक्ता भले ही दावा करें कि कोरोना से लड़ने में सरकार ने कोई कोताही नहीं बरती है, सच यह है कि इसका रूप अब बहुत ही भयावह हो चुका है और इससे मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।
सोमवार की सुबह इसके पिछले 24 घंटों में कोरोना से मरने वालों की तादाद तीन हज़ार से अधिक हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इसके साथ ही कोरोना से इस दौरान संक्रमित होने वालों की संख्या भी 3.62 लाख हो गई, वह भी अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही कोरोना से अब तक मरने वालों की संख्या दो लाख के पार हो गई।
कोरोना से मरने वालों की संख्या के मामले में अमेरिका, ब्राजील और मेक्सिको के बाद भारत चौथे नंबर पर आ गया है।
क्या कारण है?
सवाल उठता है कि बड़ी तादाद में हो रही मौतों का क्या कारण है। समझा जाता है कि इसकी वजह कोरोना वायरस में लगातार हो रहा म्यूटेशन है। कोरोनावायरस के अलग-अलग म्यूटेशनों से जंग में उलझे भारत में वायरस संक्रमण के नए केसों में लगातार होती बढ़ोतरी के बीच इलाज करा रहे मरीज़ों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
नतीजा यह है कि सक्रिय कोरोना मामलों की कुल तादाद 29 लाख से ज़्यादा हो चुकी है। बुधवार सुबह जारी किए गए आँकड़ों के मुताबिक, भारत में इस समय 29,78,709 कोरोना मरीज़ों का उपचार चल रहा है।
मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत
देश में कुल केसों की तुलना में इस वक्त एक्टिव केस 16.55 प्रतिशत हैं। दूसरी ओर, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों का प्रतिशत 82.33 रह गया है। भारत में कोरोना महामारी की चपेट में आकर अब तक कुल केसों की तुलना में 1.12 फ़ीसदी लोगों की मौत हो चुकी है।
अप्रैल में 55 लाख नए मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि अप्रैल महीने में, यानी एक महीने से भी कम समय में कोरोना के 55 लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आए हैं। इसके एक महीने पहले यानी मार्च में 10,25,863 मामले सामने आए थे। इसके एक महीने पहले यानी फरवरी में तो मात्र 3,50,548 नए मामले सामने आए थे।
पूरे फरवरी में जितने नए मामले सामने आए थे, अब रोज़ाना उससे ज़्यादा आ रहे हैं।
उसके बाद गति बढ़ती चली गई, और देश में एक-एक लाख नए केस सिर्फ एक-दो दिन में जुड़ने लगे। फिर संक्रमण फैलने की गति कुछ धीमी हुई, टीकाकरण भी शुरू हो गया। अब पिछले कुछ दिनों से संक्रमण फिर रफ्तार पकड़ता नज़र आ रहा है। भारत में पुष्ट कोरोना मामलों का कुल आंकड़ा एक करोड़ 76 लाख पार कर गया है, और इसमें कुल 453 दिन लगे हैं।
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