केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी कराए जाने की घोषणा इस साल मार्च के आख़िरी पखवाड़े में हुई और अब परीक्षा नज़दीक भी आ गई। परीक्षा से पहले अभ्यर्थी और उनके अभिभावक परेशान हैं। कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड में गड़बड़ियों की शिकायतें हैं तो कई ऑनलाइन परीक्षा के प्रति संकोची हैं। एक ही दिन अलग-अलग विषयों की अलग-अलग पारियों में होने वाली परीक्षाओं के लिए कुछ अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र अलग-अलग शहर दे दिए गए हैं। अधिकतर छात्र इस संकोच में हैं कि परीक्षा का क्या पैटर्न होगा और किस तरह के सवाल होंगे? क्या कोरोना के समय सिलेबस में की गई 30 फ़ीसदी कटौती वाले चैप्टर से सवाल नहीं आएँगे?
ऐसे ही सवालों, संदेहों और गड़बड़ियों के साये में सीयूईटी होगी। देश में 85 से ज़्यादा विश्वविद्यालयों में स्नातक के अलग-अलग कोर्स में प्रवेश के लिए सीयूईटी दो चरणों में आयोजित की जाएगी। नीट देने वालों की परीक्षा दूसरे चरण में होगी। पहली बार हो रही सीयूईटी के लिए क़रीब 15 लाख छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है।
ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा 15 जुलाई से शुरू होकर 20 अगस्त तक चलेगी। परीक्षा करा रही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने मंगलवार को सभी परीक्षार्थियों को यह सूचना भेजी है कि उनकी परीक्षा किस तिथि को और किस शहर में होगी।
परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में से बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जो कम्प्यूटर आधारित परीक्षा को लेकर हिचकिचाहट में हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को लगता है कि वे पहली बार कैसे परीक्षा दे पाएँगे। 12वीं तक पढ़ाई किए हुए छात्र कम्प्यूटर के उस तरह के आदी नहीं हैं और इस वजह से उनमें एक अजीब तरह का डर है।
ऐसे छात्रों ने अपनी आशंकाएँ भी जाहिर की हैं। एक छात्र समर्थ ने इंडिया टुडे को बताया कि वह कंप्यूटर आधारित परीक्षा के बारे में निश्चित नहीं है कि विभिन्न सत्रों में वह कैसा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, 'कक्षाओं में हम शीट पर जवाब देने के आदी हैं। भले ही हमने ओएमआर शीट पर काम किया हो, लेकिन हमने कभी ऐसी ऑनलाइन परीक्षा नहीं दी।'
सबसे आम शिकायतों में से एक परीक्षा की समय-सारणी के बारे में है। छात्र शिकायत कर रहे हैं कि सीयूईटी के पीछे की पूरी अवधारणा सभी बोर्डों के छात्रों को एक समान मौक़ा देना था। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एक निजी स्कूल की छात्रा अक्षिता ने कहा कि उसे अब शनिवार को कुछ विषयों की परीक्षा देनी है, जबकि उसकी चचेरी बहन अगस्त में इसी तरह के विषयों के लिए उपस्थित होगी। उन्होंने कहा कि उनको विषयों की तैयारी के लिए मुश्किल से ही समय मिला जबकि अगस्त में परीक्षा देने वालों को काफी समय मिल जाएगा।
हालांकि एनटीए कुछ मॉक टेस्ट लेकर आया है, लेकिन छात्र प्रश्न पत्रों की कठिनाई के स्तर और पैटर्न के बारे में अनिश्चित हैं। डोमेन-विशिष्ट विषयों में परीक्षा की अवधि 45 मिनट होगी। एक छात्र को 50 में से 40 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। एक छात्र अधिकतम छह डोमेन-विशिष्ट विषयों में उपस्थित हो सकता है।
छात्र इस असमंजस में भी हैं कि क्या महामारी के दौरान जिस तरह से पाठ्यक्रम में 30 फ़ीसदी की कटौती की गई थी वह सीयूईटी के इस एंट्रेंस टेस्ट में भी कटौती रहेगी या नहीं।
कई छात्रों ने दावा किया है कि उन्हें दो सत्रों के लिए दो अलग-अलग परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं। क़रीब 8.10 लाख परीक्षार्थी पहले और 6.80 लाख दूसरे स्लॉट में परीक्षा देंगे। पहले स्लॉट की परीक्षा सुबह 9 से 12:15 बजे तक और दूसरे स्लॉट की दोपहर 3 से 6:45 बजे तक होगी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार छात्र हार्दिक व्यास ने कहा कि एक ही दिन में हो रहे दो सत्रों के लिए उनको जयपुर और बीकानेर केंद्र दिए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार यूजीसी अध्यक्ष ने दावा किया है कि 98 फीसदी छात्रों को उनकी पसंद का केंद्र दिया गया है, लेकिन छात्रों का दावा है कि ऐसा नहीं है। कुछ छात्रों ने एडमिट कार्डों पर केंद्र का नाम गायब होने की शिकायत भी की है।
2022-23 शैक्षणिक सत्र में यूजी प्रवेश के लिए सीयूईटी को अपनाने के लिए कुल 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 12 राज्य विश्वविद्यालयों, 11 डीम्ड विश्वविद्यालयों और 19 निजी विश्वविद्यालयों ने आवेदन किया है।
बता दें कि यूजीसी ने मार्च के आख़िरी पखवाड़े में घोषणा की थी कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के ग्रैजुएशन कोर्सेज में अब 12वीं के मार्क्स के आधार पर एडमिशन नहीं मिलेगा। इसने कहा था कि ये प्रवेश अब सीयूईटी के ज़रिए होगा।
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