दहशत का दूसरा नाम बने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना के सीईओ स्टीफ़न बांसेल ने अहम बात कही है। स्टीफ़न बांसेल का कहना है कि मौजूदा वक़्त में दी जा रहीं तमाम वैक्सीन ओमिक्रॉन वायरस के लिए उतनी कारगर साबित नहीं होंगी जितनी यह बाक़ी वैरिएंट के लिए हुई हैं।
यह नया वैरिएंट अब तक दुनिया के 10 से ज़्यादा देशों में मिल चुका है और इसने अमेरिका, यूरोप और एशिया के बाज़ारों पर भी असर डाला है।
स्टीफ़न बांसेल ने फ़ाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि ओमिक्रॉन के लिए नई डोज बनाने में कंपनियों को कई महीने लगेंगे। दुनिया भर के कई देशों में वैज्ञानिक ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर स्टडी कर रहे हैं।
बीते कुछ ही दिनों में यह वायरस दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर कई देशों में पहुंच गया है और दुनिया के कई देशों ने इस वैरिएंट से प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों को रोक दिया है। भारत में भी कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से ऐसे देशों से आने वाली उड़ानों को रोकने की मांग की है।
लेकिन भारत सरकार ने कहा है कि देश में अभी तक इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार हालात पर बारीकी से नजर रख रही है। भारत में ओमिक्रॉन से प्रभावित देशों से आने वालों का एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट किया जा रहा है और पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नया वैरिएंट बहुत ज़्यादा ख़तरनाक है, यह दुनिया भर में फैल सकता है और इसके फैलने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर यह कहा जा रहा है कि यह शरीर की इम्यूनिटी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उनका मुल्क़ किसी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहा है। उन्होंने टीकाकरण अभियान को तेज़ करने की ज़रूरत पर जोर दिया है।
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