आईटी क़ानून 2021 लागू करने के मुद्दे पर ट्विटर इंडिया की दिक्क़तें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस सोशल मीडिया कंपनी से कहा है कि रेजिडेंट ग्रीवांस अफ़सर नियुक्त करने में इसे बहुत समय नहीं दिया जा सकता है।
अदालत ने कड़ा रवैया अपनाते हुए ट्विटर इंडिया से कहा है कि वह आईटी क़ानून 2021 के दूसरे प्रावधानों को भी लागू करने के मुद्दे पर गुरुवार तक पूरी जानकारी उसे दे।
जस्टिस रेखा पल्ली ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए ट्विटर इंडिया से कहा कि उसे अब तक यह नियुक्ति कर लेनी चाहिए थी। इसके साथ ही 31 मई को अदालत को गुमराह करने वाला बयान देने के लिए भी अदालत ने उसे खरी-खोटी सुनाई।
ट्विटर इंडिया को फटकार
कंपनी ने अदालत को 28 मई को कहा था कि उसने रेजिडेंट ग्रीवांस अफ़सर नियुक्त कर लिया है, लेकिन यह नहीं बताया था कि यह अंतरिम नियुक्ति है।
जस्टिस पल्ली ने ट्विटर इंडिया से कह्,
“
इसमें कितना समय लगता है? यदि ट्विटर को लगता है कि वह चाहे जितना समय ले सकता है तो मैं इसकी अनुमति नहीं दे सकती। मैं इसकी इज़ाज़त नहीं दे सकती कि आप चाहें जितना समय ले लें।
जस्टिस रेखा पल्ली, जज, दिल्ली हाई कोर्ट
ट्विटर का जवाब
ट्विटर इंडिया की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील सजन पवैया ने अदालत से कहा कि एक वकील को अंतरिम ग्रीवांस अफ़सर को नियुक्त किया गया था और उन्होंने तीन हफ़्ते तक काम किया।
पवैया ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि वह ग़ैर-कर्मचारी को रेजिडेंट ग्रीवांस अफ़सर के रूप में स्वीकार नहीं करेगी तो इस पद पर नियुक्त वकील को लगा कि वह क्यों इसमें पड़े तो उसने अपनी सहमति वापस ले ली। अब ट्विटर इंडिया इस पद पर एक व्यक्ति को नियुक्त करने की प्रक्रिया में है।
अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ट्विटर इंडिया ने इस पद के खाली होने के बाद दो हफ़्ते से अधिक समय ले लिया है, अब तक किसी को नियुक्त नहीं किया है और यह नियमों का उल्लंघन है
कितना समय लगेगा?
अदालत ने वकील से पूछा कि इसमें कितना समय लगेगा, इस पर उन्होंने कहा कि अमेरिका में जहां कंपनी का मुख्यालय है, वहां अभी रात है, लिहाज़ा इस पर मुख्यालय से निर्देश लेने में उन्हें एक दिन का समय लगेगा।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि नया आईटी क़ानून 25 फरवरी को लागू हो गया, उसे लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। यह मियाद 26 मई को ख़त्म हो गई, आज 6 जुलाई है, 41 दिन हो गए। अब तक कंपनी ने इसे लागू नहीं किया है।
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