मंगलवार को बेंगलुरु में हुई 26 विपक्षी दलों की बैठक में इस गठबंधन के नए नाम INDIA की घोषणा की गई। इसके साथ ही पूर्व का यूपीए अब INDIA में बदल गया है। इस नए नाम INDIA का मतलब भले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने I से इंडिया, N से नेशनल, D से डेवलपमेंटल , I से इनक्लूसिव और A से अलायंस बताया है लेकिन राजनीति के जानकार इसे भाजपा के खिलाफ बड़ा हथियार मानते हैं।
माना जा रहा है कि विपक्ष के INDIA नाम वाले इस दांव से भाजपा को आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी होगी। अब अगला चुनाव एनडीए बनाम इंडिया होगा लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की कोशिश आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को INDIA बनाम नरेंद्र मोदी रंग देने की होगी।
भाजपा की कोशिश रही है कि वह लोकसभा चुनाव को नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी बनाए, इससे भाजपा को फायदा होने की उम्मीद रहती है लेकिन कांग्रेस ने राजनैतिक समझदारी दिखाते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताने से परहेज किया है। इसके बदले इंडिया को आगे कर दिया है। इससे भाजपा के राष्ट्रवाद से मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा भी है कि, इंडिया और नरेन्द्र मोदी के बीच लड़ाई है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि जीत किसकी होगी। जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है।
यह नया नाम तय होते ही विपक्षी नेताओं ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, टीम INDIA Vs टीम NDA चक दे इंडिया।
पटना बैठक में ही दे दिया था संकेत
विपक्ष की पटना में हुई बैठक में ही यह संकेत दे दिए गए थे कि विपक्षी महागठबंधन का कोई अलग नाम होगा। माना जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन का INDIA नाम राहुल गांधी का आइडिया है। राहुल गांधी की ओर से पिछले कुछ दिनों से जिस तरह के बयान लगातार सामने आ रहे थे उससे अंदाजा मिल रहा था कि विपक्षी महागठबंधन का नाम कुछ ऐसा हो सकता है। भारतीय राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह नामकरण भले ही मंगलवार को हुआ है लेकिन इसका विचार तभी आया होगा जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई। इस भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस और राहुल गांधी ने पूरे भारत को जोड़ने की बात कही थी।
यात्रा में लगभग 3,000 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी। इस दौरान राहुल गांधी बार-बार यह कहते थे कि वे भारत को जोड़ने निकले हैं। इस यात्रा के बाद उन्होंने कई बार कहा भी कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं। जानकार बताते हैं कि राजनीति में परसेप्शन का बहुत महत्व होता है।अब विपक्ष की ओर से इस नाम के जरिए एक धारणा को बदलने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष जनता में संदेश देना चाहता है कि सच्चे राष्ट्रवादी और इंडिया हम ही हैं।
भाजपा क्या अब चैलेंज कर सकती है INDIA को
भाजपा की मुख्य ताकत हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण रहा है। इस ध्रुवीकरण का एक प्रमुख हथियार राष्ट्रवाद है। भाजपा से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कई वर्षों से सॉफ्ट हिंदुत्व को अपना लिया है और अब राष्ट्रवाद की पिच पर भी मुकाबले की तैयारी कर ली है। ऐसे में विपक्ष जहां एक ओर 'INDIA' नाम से भाजपा पर हमलावर होगा वहीं दूसरी ओर इस नाम को भाजपा से मुकाबले में खुद के लिए एक कवच के तौर पर इस्तेमाल भी करेगा।
विपक्षी दलों के द्वारा 'INDIA' नाम वाले हथियार का इस्तेमाल शुरू भी हो चुका है। इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा क्या अब चैलेंज कर सकती है INDIA को? NDA क्या INDIA को चैलेंज कर सकता है? क्या कोई भी INDIA को चुनौती दे सकता है? हम देश के लिए हैं। अगर कोई हमें पकड़ सकता है, तो पकड़कर दिखाएं।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सभी विपक्षी दलों की ओर से ऐसी चुनौती भाजपा के सुनने को मिलेगी। भाजपा के लिए विपक्ष के नए नाम 'INDIA' को संबोधित करते हुए हमला करना आसान नहीं होगा। क्योंकि इस नाम पर भाजपा हमला करती है तो विपक्षी दलों को कहने को मिल जाएगा कि भाजपा इंडिया के खिलाफ बोल रही है।
राहुल ने बताया इंडिया नाम क्यों रखा गया
विपक्ष की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई भाजपा की विचारधारा और सोच के खिलाफ है। वो देश पर आक्रमण कर रहे हैं। देश में बेरोजगारी फैल रही है। देश का सारा धन कुछ चुने हुए लोगों के पास जा रहा है और इसलिए जब हम चर्चा कर रहे थे तो हमने आपस में सवाल पूछा कि ये लड़ाई किसके बीच है। ये लड़ाई भाजपा और देश के लोगों के बीच है। ये लड़ाई नरेंद्र मोदी और INDIA के बीच है।राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है। यह देश की लड़ाई है। इसलिए इस गठबंधन का नाम INDIA रखा गया। लड़ाई NDA और INDIA के बीच है। सबको पता है कि जब कोई INDIA के खिलाफ खड़ा होता है तो जीत किसकी होगी है। उन्होंने बताया कि बैठक में चर्चा के दौरान ही ये INDIA नाम निकला। उन्होंने कहा कि अब हम एक “एक्शन प्लान” तैयार करेंगे। विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी।
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