कोरोना संक्रमण के मामले शुक्रवार को देश में 10 लाख के पार पहुँच गए हैं। इससे तीन दिन पहले 14 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आँकड़े जारी किए थे उसमें भारत में संक्रमण के मामले 9 लाख को पार कर गए थे। हालाँकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी आँकड़े जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन देर शाम तक राज्यों की ओर से जारी आँकड़ों के बाद ही यह संख्या दस लाख के पार हो गई है।
भारत से ज़्यादा अब संक्रमण के मामले सिर्फ़ दो देशों में हैं- अमेरिका और ब्राज़ील। दोनों ही देशों में हर रोज़ संक्रमण के मामले भी ज़्यादा आ रहे हैं और मौत के मामले भी। अमेरिका में हर रोज़ क़रीब 70 हज़ार संक्रमण के मामले आने लगे हैं तो ब्राज़ील में 43 हज़ार के आसपास। भारत में भी संक्रमण के मामले अब 30 हज़ार से ज़्यादा आने लगे हैं।
अमेरिका में संक्रमण के मामले 35 लाख 70 हज़ार आए हैं और क़रीब 1 लाख 38 हज़ार लोगों की मौत हुई है। ब्राज़ील में 20 लाख 12 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं और 76 हज़ार 688 लोगों की मौत हुई है। इन देशों की तुलना में भारत में मौतें काफ़ी कम हुई हैं। भारत में मृतकों की संख्या क़रीब 25 हज़ार होने वाली है। हालाँकि अब भारत में संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से आने लगे हैं।
संक्रमण की रफ़्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहला मामला आने के बाद 1 लाख तक पहुँचने में 111 दिन लगे थे, लेकिन अब 9 लाख से 10 लाख के मार्क तक पहुँचने में सिर्फ़ तीन दिन लगे हैं। कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख से 2 लाख तक पहुँचने में सिर्फ़ 15 दिन लगे, दो लाख से 3 लाख पहुँचने में 10 दिन लगे, चार लाख पहुँचने में 8 दिन लगे और पाँच लाख पहुँचने में 6 दिन लगे थे।
संक्रमण के मामले पाँच लाख से 6 लाख, 6 लाख से 7 लाख और 7 लाख से 8 लाख तक पहुँचने में 5-5 दिन लगे थे। अब 8 लाख से 9 लाख और 9 लाख से 10 लाख पहुँचने में 3-3 दिन ही लगे।
देश में संक्रमण बढ़ने की इस रफ़्तार को शुरुआत से देखें तो मामले लगातार बढ़ते हुए दिखते हैं। 30 जनवरी को पहला मामला आने के बाद 31 फ़रवरी तक सिर्फ़ 3 मामले थे। 24 मार्च को जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की थी तब सिर्फ़ 564 कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले थे। 31 मार्च तक क़रीब 1400 मामले आए थे। अप्रैल के आख़िर में यह संख्या बढ़कर क़रीब 35 हज़ार के पास पहुँच गई थी।
17 दिन में आ गए 4 लाख से ज़्यादा केस
मई के आख़िर तक कोरोना संक्रमितों की संख्या क़रीब 1 लाख 90 हज़ार हो गई थी। जून के आख़िर में क़रीब पाँच लाख 86 हज़ार हो गई और जुलाई के पहले दिन ही यह संख्या छह लाख को पार कर गई थी और यह संख्या 6,00,032 हो गई थी। 14 जुलाई को यह संख्या 9 लाख 6 हज़ार 752 हो गई थी और अब यह 10 लाख से ज़्यादा हो गई है।
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