लॉकडाउन में ढील देने के बाद जिस तरह से कोरोना मरीज़ों की संख्या में ज़बरदस्त बढ़ोतरी की आशंका जताई गई थी वह अब लगता है जल्द ही यह होने वाला है। लगातार छह दिन से हर रोज़ 9 हज़ार से ज़्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले आ रहे हैं और लगातार यह संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन अब जो स्थिति अलग दिख रही है वह यह है कि जिस गति से पूरे देश भर में औसत रूप से संक्रमण बढ़ रहा है उससे ज़्यादा दर से बढ़ोतरी अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होने लगी है।
देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने का राष्ट्रीय औसत 4.39 प्रतिशत है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में ही स्थिति बदली है और उन 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण राष्ट्रीय औसत से ज़्यादा बढ़ना शुरू हुआ है। दिल्ली सरकार ने तो यहाँ तक आकलन किया है कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक क़रीब साढ़े पाँच लाख कोरोना संक्रमण के मामले आ जाएँगे। नीति आयोग से लेकर एम्स जैसे संस्थानों ने भी कहा है कि जून और जुलाई महीनों में संक्रमण बढ़ने की गति अपने शिखर पर होगी।
दूसरे राज्यों में भी किस तेज़ी से मामले बढ़ने लगे हैं इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि दो हफ़्ते पहले तक जहाँ देश में संक्रमित लोगों के 37 फ़ीसदी मरीज़ सिर्फ़ महाराष्ट्र में थे वह घटकर अब 33 फ़ीसदी हो गए। हाल ही तक जहाँ देश के 52 फ़ीसदी मरीज़ महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान तीन राज्यों में थे वहीं अब इन राज्यों में सिर्फ़ 45 फ़ीसदी हैं। इसका मतलब साफ़ है कि दूसरे राज्यों में संक्रमण कहीं ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में असामान्य रूप से संक्रमण के नये मामले काफ़ी ज़्यादा संख्या में आए। पिछले तीन दिनों में उत्तर प्रदेश में दो बार बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज़ आए। राज्य में संक्रमण के मामले बढ़कर 11 हज़ार के क़रीब पहुँच गए हैं। असम और त्रिपुरा में एक हफ़्ते से क़रीब 10 फ़ीसदी के हिसाब से हर रोज़ मामले बढ़ रहे हैं। कर्नाटक में हाल के कुछ दिनों में इतने मामले बढ़े कि यह सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमित 10 राज्यों में आ गया।
पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और केरल में तो हर रोज़ बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले आ ही रहे हैं।
हालाँकि शीर्ष पाँच राज्यों में से तीन - महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में मामले अब उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रहे हैं और इसी कारण राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण नहीं बढ़ा है। हालाँकि इसके बावजूद महाराष्ट्र में अभी भी हर रोज़ सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं और यह क़रीब 2000 से 3000 के बीच रह रहे हैं। आज ही महाराष्ट्र में क़रीब 2600 नये मामले आए हैं।
देश में दूसरे व तीसरे स्थान पर तमिलनाडु व दिल्ली में संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इन राज्यों में हर रोज़ क़रीब 1300 से 1500 के बीच संक्रमण के मामले आ रहे हैं।
मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, उत्तराखंड, झारखंड और गोवा जैसे राज्यों में पहले जहाँ संक्रमण का या तो कोई मामला ही नहीं था या फिर गिनती के मामले थे वहाँ अब काफ़ी संख्या में संक्रमण के मामले आने लगे हैं।
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