प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात को 8 बजे अपने संबोधन में जैसे ही रात 12 बजे के बाद 21 दिनों तक कंप्लीट लॉकडाउन की घोषणा की, दिल्ली-नोएडा में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। हालात ऐसे थे कि प्रधानमंत्री के घोषणा करते ही दिल्ली की कई कॉलोनियों और नोएडा के सेक्टरों में रहने वाले लोग बेहद फुर्ती से घरों से निकले और कुछ ही मिनटों में सड़कों पर भारी भीड़ जमा हो गयी। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिये यह घोषणा की गई है।
नोएडा में एक दुकान के बाहर लगी भीड़।
नोएडा के सेक्टर 22 में कुछ ही मिनटों में दूध, किराने की दुकान और सब्जी-फलों की रेहड़ियों पर लोगों की भारी भीड़ लग गयी। हालात ऐसे हो गये कि लोगों को 45 मिनट से 1 घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा और देखते ही देखते दुकानें खाली हो गयीं। इसी तरह फलों और सब्जी की रेहड़ियां भी चंद मिनटों में खाली हो गयीं। कुल मिलाकर हालात चिंताजनक थे। ऐसे लोगों के चेहरे पर चिंता ज्यादा दिखाई दी जिनके घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं। पीजी और हॉस्टल में रहने वाले युवा लड़के-लड़कियां भी आने वाले 21 दिनों के लिये सामान भरते दिखाई दिये। ऐसे ही हालात दिल्ली में द्वारका, लक्ष्मी नगर और कई अन्य इलाक़ों में दिखाई दिये।
सब्जी की रेहड़ी पर लगी भीड़।
लोगों के एकदम घबरा जाने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है और ज़रूरी वस्तुएं जैसे दवा आदि उपलब्ध रहेंगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में साफ किया कि स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों और अन्य देशों के अनुभवों को ध्यान में रखते ही कंप्लीट लॉकडाउन का फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है और देश के हर राज्य, जिले, कस्बे और गली को लॉकडाउन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपनी बात को और साफ करते हुए कहा कि जनता इसे एक तरह से कर्फ्यू ही समझे क्योंकि यह जनता कर्फ्यू से आगे का क़दम है और यह बेहद ज़रूरी भी है।
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