फ़िलहाल कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित इटली में फँसे 263 भारतीय छात्रों को भारत लाया गया है। उन्हें एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग कर दिल्ली के आईटीबीपी छावला क्वरेंटीन सेंटर में ले जाया गया है। सामान्य तौर पर 14 तक ऐसे लोगों को अलग-थलग और निगरानी में रखा जाता है। इससे पहले भी चीन, ईरान सहित कई देशों में फँसे भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। इससे पहले 15 मार्च को इटली और ईरान में फँसे 452 भारतीयों को रविवार को देश में वापस लाया गया था। इसमें इटली से 218 भारतीय शामिल थे जिसमें से 211 थे। तब ईरान से 234 भारतीयों को लाया गया था जिसमें 131 छात्र और 103 तीर्थयात्री शामिल थे।
अब इटली में जिन छात्रों को वापस लाया गया है वे काफ़ी ज़्यादा खौफ में थे क्योंकि इटली में स्थिति काफ़ी बिगड़ चुकी है।
इटली में अब तक दुनिया भर में सबसे ज़्यादा 4825 मौतें हुई हैं। फ़िलहाल सबसे ज़्यादा मामले भी इटली में ही हैं। वहाँ 42 हज़ार से ज़्यादा लोग पॉजिटिव हैं और अब तक कुल 53 हज़ार से भी ज़्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं। वहाँ हॉस्पिटलों में मरीजों के लिए जगह नहीं है और आईसीयू में तो ऐसी स्थिति है कि डॉक्टरों को यह देखकर इलाज करना पड़ रहा है कि किसकी स्थिति ज़्यादा ख़राब है।
हालाँकि भारत में भी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। भारत में भी अब तक 324 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 4 की मौत हो गई है। 23 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और एक मरीज यहाँ से वापस अपने देश जा चुका है। भारत में बिगड़ती स्थिति के कारण कई तरह की पाबंदियाँ लगाई गई हैं। स्कूल-कॉलेज, मॉल, बार आदि बंद हैं। एक दिन के लिए 'जनता कर्फ्यू' के रूप में लॉकडाउन किया गया है ताकि इसको फैलने से रोका जा सके। ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है। मेडिकल जैसी ज़रूरी सेवाएँ ही जारी रहेंगी, बाक़ी सारी सेवाएँ और प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
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