कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के 'प्रोजेक्ट टाइगर' इवेंट को तमाशा करार दिया। इस प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे होने पर मोदी आज रविवार को बांदीपुर टाइगर रिजर्व की यात्रा पर हैं। पीएम के दौरे को बाकायदा एक इवेंट में बदल दिया गया है। मीडिया इसकी जबरदस्त कवरेज कर रहा है। वहीं कांग्रेस ने इवेंट का मजाक उड़ाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इससे सुर्खियां बटोर सकते हैं, लेकिन यह वास्तविकता पूरी तरह उलट है।
पीएम मोदी ने पिछले दिनों विदेश से मंगाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के वन क्षेत्र में छोड़ा था। इस तरह पशु-पक्षियों को लेकर पीएम मोदी के कई इवेंट अब तक हो चुके हैं।
आज के इवेंट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया- आज PM बांदीपुर में 50 साल पहले लॉन्च हुए प्रोजेक्ट टाइगर का पूरा क्रेडिट लेंगे। वह खूब तमाशा करेंगे जबकि पर्यावरण, जंगल, वन्य जीव एवं वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की रक्षा के लिए बनाए गए सभी कानून ध्वस्त किए जा रहे हैं। वह भले ही सुर्खियां बटोर लें लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है।
पीटीआई की खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री रविवार को बांदीपुर टाइगर रिजर्व में खाकी पैंट, एक फौजी वाली टी-शर्ट और एक गिलेट स्लीवलेस जैकेट पहनकर पहुंचे। नरेंद्र मोदी बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करने वाले पहले प्रधान मंत्री हैं। बांदीपुर भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में शुमार है।
पीएम मोदी बांदीपुर में 'अमृत काल' के दौरान बाघ संरक्षण के लिए सरकार का विजन भी जारी करेंगे और इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) की भी शुरुआत करेंगे।
बांदीपुर में रविवार को पीएम मोदी का भ्रमण। ये फोटो खुद पीएम ने ट्वीट किया है।
पीटीआई के मुताबिक राज्य के वन विभाग के अनुसार, 19 फरवरी, 194 की सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क के अधिकांश वन क्षेत्रों को शामिल करके राष्ट्रीय उद्यान का गठन किया गया था, और 1985 में इस क्षेत्र का विस्तार 874.20 वर्ग के क्षेत्र में किया गया था। फिर इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया।
इस रिजर्व को 1973 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' के तहत लाया गया था। इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को 880.02 वर्ग किलोमीटर तक फैले रिजर्व में जोड़ा गया। बांदीपुर टाइगर रिजर्व के नियंत्रण में वर्तमान क्षेत्र 912.04 वर्ग किमी है।
बांदीपुर के जंगल पर पीएम मोदी बारीक नजर डालते हुए। फोटो पीएम ने खुद ट्वीट किया है।
इस टाइगर रिजर्व में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां और तरह-तरह की वनस्पतियां इसके आकर्षण में को बढ़ाती हैं। बांदीपुर वन क्षेत्र में सागौन, शीशम, चंदन, भारतीय-लॉरेल, भारतीय किनो पेड़, विशाल गुच्छेदार बांस सहित इमारती लकड़ी के पेड़ भारी तादाद में पाए जाते हैं।
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