ईवीएम का विवाद फिर से खड़ा हो गया है। मुंबई की जिस उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर एनडीए उम्मीदवार की 48 वोटों से जीत हुई वहाँ ईवीएम का एक बहुत बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। मिड-डे की एक रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के ब्रदर-इन-लॉ के ख़िलाफ़ 4 जून को मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग ने मोबाइल से ईवीएम से जुड़े होने के दावे को खारिज किया है। इसने कहा है कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन डिवाइस है और ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी ज़रूरी नहीं है।
रविवार को कई रिपोर्टें सामने आईं, जिसमें दावा किया गया कि मंगेश पंडिलकर उस फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से जुड़ा था। मिड-डे ने पुलिस के हवाले से कहा कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था। इन रिपोर्टों के बाद कांग्रेस ने सवाल पूछा है, 'आखिर एनडीए के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल ईवीएम से क्यों जुड़ा था?
EVM से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है.
— Congress (@INCIndia) June 16, 2024
मुंबई में NDA के कैंडिडेट रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा था. NDA के इस कैंडिडेट की जीत सिर्फ 48 वोट से हुई है.
ऐसे में सवाल है कि 👇
* आखिर NDA के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था?
* जहां… pic.twitter.com/IftZjLK2JM
वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ बुधवार को गोरेगांव स्थित मतगणना केंद्र के अंदर कथित तौर पर की गई हरकत के लिए मामला दर्ज किया गया। यह घटना वायकर के निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है।
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी, 'मतदान कर्मी दिनेश गुरव की शिकायत पर पांडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक निर्दलीय उम्मीदवार ने देखा कि मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के बावजूद वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे और उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी को इसकी जानकारी दी। इसके बाद रिटर्निंग अधिकारी ने वनराई पुलिस से संपर्क किया।' अधिकारी ने बताया कि पांडिलकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 यानी सरकारी आदेश के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिवसेना के उम्मीदवार रवींद्र वायकर ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर 48 वोटों से जीत दर्ज की। वायकर के फोन के ईवीएम से जुड़े होने के आरोपों के बाद पुलिस ने मोबाइल फोन का डेटा और कॉल रिकॉर्ड खोजने के लिए मोबाइल फोन को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा।
भारत में यह ख़बर के सामने आई और उधर टेस्ला के प्रमुख एलोन मस्क ने भी ईवीएम हैक किए जाने की बात की है। इसके बाद भारत में भी हंगामा मच गया। राहुल गांधी ने इन दोनों घटनाक्रमों को लेकर ट्वीट किया और ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाए।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ईवीएम एक 'ब्लैक बॉक्स' है और 'किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है'। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएँ जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन कर जाता है और धोखाधड़ी की ओर प्रवृत्त होता है।'
EVMs in India are a "black box," and nobody is allowed to scrutinize them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 16, 2024
Serious concerns are being raised about transparency in our electoral process.
Democracy ends up becoming a sham and prone to fraud when institutions lack accountability. https://t.co/nysn5S8DCF pic.twitter.com/7sdTWJXOAb
इस बीच कांग्रेस ने रवींद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ आरोपों के संबंध में कुछ अन्य सवाल उठाए। कांग्रेस ने पूछा, 'एनडीए उम्मीदवार के रिश्तेदार का मोबाइल फोन ईवीएम से क्यों जुड़ा था? मोबाइल फोन उस स्थान पर कैसे पहुंचा, जहां वोटों की गिनती हो रही थी?'
शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया, 'एक बार गद्दार, हमेशा गद्दार! उत्तर पश्चिम मुंबई से मिंधे गैंग के उम्मीदवार का मामला और भी उलझ गया है, क्योंकि गद्दार उम्मीदवार अब लोकतंत्र के साथ गद्दारी कर रहा है। आश्चर्य की बात है या नहीं, पूरी तरह से समझौता करने वाले चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्र के सीसीटीवी फुटेज को साझा करने से इनकार कर दिया है। मुझे लगता है कि यह एक और चंडीगढ़ पल से बचने की कोशिश कर रहा है। हमने हमेशा कहा है कि भाजपा और मिंधे गैंग हमारे लोकतंत्र को ख़त्म करना चाहते हैं और हमारे संविधान को बदलना चाहते हैं। यह कुप्रथा उनके ऐसा करने के निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है।'
Once a traitor, always a traitor!
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 16, 2024
The case of the mindhe gang candidate from North West Mumbai gets murkier, as the gaddar candidate indulges in treachery with democracy now.
Surprisingly, or not, the Entirely Compromised- election commission, has refused to share CCTV footage… pic.twitter.com/hT27Bb2qDQ
This is all a part of Vanrai Police Station investigation.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) June 16, 2024
Not to forget:
- There was pressure on Police not to file FIR which was demanded by not just @AmolGKirtikar ji but also two independent candidates
- it is the right of the candidate to seek cctv footage of the counting… pic.twitter.com/BQpIQTNzL4
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'भारतीय ईवीएम विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं, सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं - कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं। यानी कोई रास्ता नहीं है। फैक्टरी प्रोग्राम किए गए कंट्रोलर को दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है।'
This is a huge sweeping generalization statement that implies no one can build secure digital hardware. Wrong. @elonmusk 's view may apply to US n other places - where they use regular compute platforms to build Internet connected Voting machines.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) June 16, 2024
But Indian EVMs are custom… https://t.co/GiaCqU1n7O
चुनाव आयोग ने एक उम्मीदवार के सहयोगी के पास 'ईवीएम को अनलॉक करने वाले फोन' तक पहुंच होने की खबर पर प्रतिक्रिया दी है।
चुनाव आयोग ने यह स्वीकार किया है कि अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल फोन का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल किया गया था और इस संबंध में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही इसने साफ़ किया है कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन डिवाइस है और ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी ज़रूरी नहीं है। इसने यह भी कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ईवीएम के बारे में ग़लत सूचना फैलाने, भारतीय चुनावी प्रणाली के बारे में संदेह पैदा करने के लिए मिड-डे न्यूज़पेडर को नोटिस जारी किया है।
अपनी राय बतायें